बागपत, एबीपी गंगा। पूर्वांचल के माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या के मामले की जांच करने के लिए सीबीआई टीम बागपत जिला कारागार पहुंची। सीबीआइ टीम के पहुंचते ही पुलिस व जेल प्रशासन हरकत में आ गया। टीम ने जेल के अधिकारियों से घटना की जानकारी जुटाई। उसके बाद टीम खेकड़ा थानेपहुंची और मुकदमे से जुड़े अभिलेखों की पड़ताल की। थाने से टीम वापस लौट गई।


दरअसल, माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह की अर्जी पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले माह 25 फरवरी को इस हत्याकांड के सीबीआई  जांच के आदेश दे दिए थे। सीबीआई ने भी मुकदमे की जांच शुरू कर दी है।



सीबीआई के डिप्टी एसपी समेत तीन सदस्यीय टीम सोमवार को बागपत जिला कारागार पहुंची और जांच पड़ताल की। टीम ने जेल के अधिकारियों से घटना की जानकारी जुटाई। उसके बाद टीम खेकड़ा थाने पहुंची और हत्याकांड के मुकदमे के अभिलेख देखे और पुलिस से बातचीत की। इस दौरान पुलिस और कारागार अधिकारियों में हड़कंप मचा रहा।


ऐसे हुई मुन्ना बजरंगी की हत्या
बड़ौत के पूर्व विधायक लोकेश दीक्षित व उनके भाई नारायण दीक्षित से रंगदारी मांगने के मामले में झांसी जेल में बंद माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी को बी-वारंट पर अदालत में पेश करने के लिए 8 जुलाई 2018 को पुलिस बागपत लेकर आई थी। रात के समय मुन्ना बजरंगी को बागपत जिला कारागार में हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया था। वहीं पर कुख्यात बदमाश सुनील राठी भी बंद था।



अगले दिन 9 जुलाई की सुबह जेल में ही बजरंगी की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। कुख्यात सुनील राठी ने बजरंगी की हत्या की बात कबूली थी। सुनील की निशानदेही पर जेल के सेफ्टी टैंक से एक पिस्टल, दो मैग्जीन व 22 कारतूस बरामद हुए थे।



खेकड़ा थाने में तत्कालीन जेलर यूपी सिंह ने सुनील राठी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। उधर, मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह ने जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह, रिटायर्ड डिप्टी एसपी जेएम सिंह, प्रदीप उर्फ पीके (बेटा जेएम सिंह), महराज सिंह व विकास उर्फ राजा पर अपने पति की हत्या की साजिश का आरोप लगाते हुए बागपत पुलिस से शिकायत की थी। पुलिस ने सुनील राठी के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। जबकि विवेचना में अन्य आरोपियों को क्लीन चिट दे दी थी।