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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
नदी में तैरता हुआ मिला 'कैफे कॉफी डे' के संस्थापक वीजी सिद्धार्थ का शव, सोमवार से लापता थे
कैफे कॉफी डे के संस्थापक वीजी सिद्धार्थ का शव बुधवार सुबह मिल गया है। वे सोमवार रात से लापता थे। कंपनी में घाटा आने के बाद से वे परेशान थे। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि उन्होंने आत्महत्या की है।
मेंगलुरु, (भाषा)। कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में स्थानीय मछुआरों और गश्त कर रही पुलिस ने ‘कैफे कॉफी डे’ (सीसीडी) के संस्थापक वी जी सिद्धार्थ का शव नेत्रावती नदी से बुधवार को बरामद किया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि ‘‘हर बात’’ आत्महत्या की ओर इशारा करती है लेकिन जांच पूरी होने तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सकता।
अपने कैफे की चेन से शहरी इलाकों को लाते, कैपेचिनो, अमेरिकैनो और एस्प्रेसो समेत कॉफी के विभिन्न स्वाद से परिचित कराने वाले सिद्धार्थ 59 वर्ष के थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी मालविका और दो पुत्र हैं। दक्षिण कन्नड़ जिले के उपायुक्त शशिकांत सेंथिल ने बताया कि सिद्धार्थ के मित्रों ने उनके शव की पहचान कर ली है।
सिद्धार्थ ने अपनी कंपनी कॉफी डे इंटरप्राइजेज के निदेशक मंडल और उसके कर्मियों को एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने करदाताओं एवं कर प्राधिकारियों द्वारा उन्हें कथित रूप से परेशान करने की बात कही थी। सिद्धार्थ का शव करीब दो दिन की गहन तलाश के बाद मिला। अधिकारियों ने बताया कि सिद्धार्थ का पता लगाने के लिए कई एजेंसियों ने उस पुल के नीचे नेत्रावती नदी में तलाश की थी, जहां उन्हें आखिरी बार देखा गया था।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने बेंगलुरु में कहा, ‘‘हमें शव मिल गया है। वे (सिद्धार्थ का परिवार) अंतिम संस्कार का प्रबंध कर रहे हैं। मैं भी इसमें शामिल होऊंगा। मेरे पास परिवार को दिलासा देने के लिए शब्द नहीं हैं।’ येदियुरप्पा ने कहा, ‘‘उनकी देनदारियां उनकी पूंजी से अधिक थीं।’’
मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने कन्नड़ भाषा में ट्वीट भी किया, ‘‘मैं एस एम कृष्णा के दामाद एवं कैफे कॉफी डे के संस्थापक सिद्धार्थ के निधन से स्तब्ध एवं दुखी हूं। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे और उनके परिवार को ताकत दे। ओम शांति।’’
मेंगलुरु के वेंगलॉक अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद शव को सिद्धार्थ के गृहनगर चिकमंगलुरु ले जाया गया जहां अंतिम संस्कार होगा। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने ‘पीटीआई भाषा’ से कहा, ‘‘जांच जारी है। हर चीज प्रथम दृष्ट्या उसी (आत्महत्या की) ओर इशारा करती है, लेकिन हम किसी संभावना को नकार नहीं सकते। हमें अभी जांच पूरी करनी है।’’ सेंथिल ने बताया कि स्थानीय मछुआरों और नदी किनारे गश्त कर रही पुलिस को शव मिला।
उन्होंने बताया कि प्राधिकारियों ने हैदराबाद स्थित भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र द्वारा विकसित ‘‘मॉडल’’ का इस्तेमाल करके अंदाजा लगाया कि शव कहां मिल सकता है। इस मॉडल के तहत धारा, निम्न एवं उच्च लहर समेत अन्य मापदंडों के आधार पर अंदाजा लगाया जाता है।
कर्नाटक कांग्रेस ने सिद्धार्थ के निधन को लेकर ट्वीट किया, ‘‘यह आईटी अधिकारियों द्वारा परेशान किए जाने और कर आतंक एवं अर्थव्यवस्था के ढहने के साथ भारत में उद्यमियों की गिरती स्थिति का परिणाम है।’’ उसने कहा, ‘‘जो कंपनियां संप्रग के कार्यकाल में फली-फूलीं, वे बंद हो रही हैं और कई लोग बेरोजगार हो रहे हैं।’’
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धरमैया ने कहा कि सिद्धार्थ की मौत ‘‘व्यथित करने वाली और संदेहास्पद’’ है। उन्होंने कथित रूप से सिद्धार्थ के पत्र का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘इस त्रासदीपूर्ण तरीके से जिन कारणों से उनका जीवन समाप्त हुआ, उसका निष्पक्ष एवं स्वतंत्र जांच से खुलासा होना चाहिए।’’
सिद्धरमैया ने कहा कि पत्र में ‘‘कर आतंक’’ की बात की गई है जो ‘‘राजनीति से प्रेरित संस्थाओं का बदसूरत चेहरा है’’। उन्होंने कहा, ‘‘हम उभरते उद्यमियों को सुधार की कोशिश किए बिना क्या संकेत दे रहे हैं?’’ कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता एस. एम. कृष्णा के दामाद सिद्धार्थ की मौत पर नेताओं ने शोक व्यक्त किया है।
पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा ने भी कन्नड़ भाषा में ट्वीट किया, ‘‘मैं वी जी सिद्धार्थ के निधन से स्तब्ध हूं। वह बहुत सरल व्यक्ति थे। मैं पिछले 35 साल से उन्हें जानता हूं। उन्होंने हजारों लोगों के रोजगार का मार्ग प्रशस्त किया। सरकार को उनकी त्रासदीपूर्ण मौत के कारण की उचित तरीके से जांच करानी चाहिए।’’
देश की सबसे बड़ी कॉफी चेन के संस्थापक सिद्धार्थ सोमवार को संदेहास्पद परिस्थितियों में अचानक गायब हो गए थे। पुलिस के अनुसार सिद्धार्थ को दक्षिण कन्नड़ जिले के कोटेपुरा इलाके में नेत्रावती नदी के पुल के पास सोमवार रात देखा गया था। सिद्धार्थ सोमवार की दोपहर बेंगलुरु के हासन जिले से सक्लेशपुर के लिए निकले थे लेकिन अचानक उन्होंने अपने कार चालक से मेंगलुरु चलने को कहा था। पुलिस ने बताया कि नेत्रावती नदी पर बने पुल के पास वह कार से उतर गए थे और उन्होंने चालक से कहा था कि वह टहलने जा रहे हैं।
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