आगरा, नितिन उपाध्याय। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आगमन को लेकर पूरे शहर में सुरक्षा व्यवस्था को हर पैमाने पर परखा जा रहा है। वहीं ताज की सुरक्षा के मद्देनजर लगे 'येलो जोन' के सभी 140 कैमरे सर्वर ना होने की वजह से काम नहीं कर रहे हैं। जिससे ट्रंप के दौरे से पहले आगरा पुलिस प्रशासन के अभेद्य और हाईटेक सुरक्षा के दावे पर सवालिया निशान लग सकता है।
आपको बता दें कि, ताजमहल की सुरक्षा को तीन जोन में बांटा गया है। ताज के अंदर का हिस्सा रेड जोन में आता है। इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के हवाले है और इसके अलावा ताज के बाहर 500 मीटर का दायरा जिसे 'यलो जोन' कहा जाता है। उससे आगे के तीसरे हिस्से की सुरक्षा पुलिस के जिम्मे है। ताज के येलो जोन में सुरक्षा को देखते हुए 140 सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं।
कैमरों की स्थिति के बारे में आला अधिकारियों को बताया गया
सूत्रों की मानें तो इस खराबी को लेकर अधिकारियों ने महकमे के आला अधिकारियों को बता दिया है। इसके बाद सर्वर को ठीक कराने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। सूत्रों की मानें तो, सर्वर को ठीक कराने की अनुमानित लागत करीब 85 लाख रुपये आंकी गई है। वहीं, इस बारे में एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि सीसीटीवी के खराब सर्वर के लिये काम चल रहा है, जल्द दौरे से पहले कोई न कोई हल निकाल लिया जाएगा। राष्ट्रपति ट्रंप के दौरे में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत लगाए गए CCTV कैमरों से ट्रंप के रूट पर पूरी नजर रखी जाएगी।
गौरतलब है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा की तैयारियां युद्ध स्तर पर चल रही हैं। सुरक्षा का जायजा लेने के लिए अमेरिका की खुफिया टीम आगरा पहुंची हुई है और खेरिया एयरपोर्ट से लेकर ताजमहल के कोने कोने की जांच कर रही हैं। खुफिया टीम से मिले इनपुट के आधार पर अब एडवांस टीम भी व्यवस्थाओं का आकलन करेगी।
ऐसे में ताजमहल के बाहर 'येलो जोन' में सुरक्षा के लिए लगे 140 हाईटेक सीसीटीवी कैमरो का निष्प्रभावी होना बड़ी चूक साबित हो सकता है। पहले भी सुरक्षा व्यवस्था में खामियों के चलते एडवांस टीम की नकारात्मक रिपोर्ट के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा का ताज दीदार का सपना अधूरा रह गया था।