CCTV Footage in Mansih Gupta Death Case: कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की मौत के 11वें दिन होटल का CCTV फुटेज (CCTV Footage) सामने आया है. फुटेज में आरोपी पुलिसवाले मनीष गुप्ता (Manish Gupta) के बेजान और बेदम शरीर को चारों तरफ से टांगकर ले जाते हुए दिखाई दे रहे हैं. फुटेज देखकर ऐसा लग रहा है, जैसे मनीष के शरीर में जान ही नहीं है. उनके खुले बदन को सफेद तौलिया से ढकने का प्रयास भी किया जा रहा है. मनीष के दोस्तों ने CCTV फुटेज वायरल होने के बाद अपने बयान में दोषियों की गिरफ्तारी के साथ उन्हें फांसी की सजा देने की मांग की है.
संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी मौत
गोरखपुर के रामगढ़ताल थानाक्षेत्र के देवरिया बाईपास रोड पर होटल कृष्णा पैलेस में 27/28 सितंबर की रात 12 बजे के करीब रामगढ़ताल पुलिस ने दबिश दी थी. दबिश के दौरान होटल के कमरा नंबर 512 में रुके कानपुर के रियल स्टेट कारोबारी मनीष गुप्ता की संदिग्ध परिस्िथतियों में मौत हो गई थी. होटल के कमरे में उनके साथ रुके गुड़गांव हरियाणा के रहने वाले हरबीर और प्रदीप ने रामगढ़ताल पुलिस पर पिटाई की वजह से हत्या का आरोप लगाया था. 28 सितंबर की शाम को पीएम के बाद सिर, चेहरे और शरीर पर भी गंभीर चोट के निशान मिलने के बाद मनीष की पत्नी और परिवार के लोगों ने इस प्रकरण में सीबीआई जांच की मांग की थी.
दोस्त ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया
मृतक मनीष गुप्ता के साथ कमरे में रुकने वाले दोस्त हरबीर सिंह ने पुलिस पर पिटाई का आरोप लगाते हुए पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया था. इस मामले की उच्च स्तरीय जांच और गोरखपुर पुलिस-प्रशासन के आलाधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठाए थे. हरबीर ने बताया था कि बेसुध मनीष को चार पुलिसवाले टांगकर तीसरे तल पर कमरे से लिफ्ट से नीचे लाए थे. उनकी नाक और मुंह से खून गिर रहा था. होटल के कर्मचारी भी पुलिस के साथ थे. उन्होंने आरोप लगाया था कि थर्ड फ्लोर पर स्थित कमरे से लेकर तृतीय तल पर स्थित कमरा नंबर 512 और लॉबी के एरिया से लेकर नीचे ग्राउंड फ्लोर पर फर्श पर गिरे खून को साफ कर दिया गया था.
पीएम रिपोर्ट आने के बाद से पुलिसकर्मी फरार
पीएम रिपोर्ट आने के बाद 28/29 सितंबर की रात 1 बजकर 29 मिनट पर रामगढ़ताल थाने के प्रभारी जगत नारायण सिंह, चौकी इंचार्ज फलमंडी अक्षय मिश्रा, उप निरीक्षक विजय यादव समेत तीन अज्ञात सिपाहियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत केस दर्ज किया गया. इसके पहले ही शाम के जीडी में बीमार होने की वजह दिखाते हुए रवानगी का तस्करा चढ़ाने के बाद सभी आरोपी फरार हो चुके हैं.
SIT की जांच में पुलिस का झूठ आया सामने
इस मामले में कानपुर एसआईटी की जांच में भी पुलिसवालों का झूठ सामने आया और खून के दाग भी कैमिकल डालते ही उभर आए. इसके साथ एसआईटी अब तक होटल मालिक सुभाष शुक्ला, घटना के पहले होटल में रामगढ़ताल थाना के प्रभारी निरीक्षक जगत नारायण सिंह के बगले में खड़े होटल के कर्मचारी आदर्श पाण्डेय, मानसी हास्पिटल के चिकित्सक, कर्मचारी और बीआरडी मेडिकल कालेज के चिकित्सकों और कर्मचारियों का बयान दर्ज कर चुकी है. इस मामल में अब तक कुल 30 लोगों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं. टीम की जांच जारी है और जल्द वो अपनी रिपोर्ट सौंप सकती है.
पुलिसकर्मियों पर होगी कार्रवाई
टीम के रिपोर्ट सौंपने के बाद चार्जशीट दाखिल होने की पूरी संभावना है. इसके साथ ही दोषी पुलिसकर्मियों के बर्खास्तगी और गिरफ्तारी के लिए दबिश भी शुरू हो जाएगी. अब CCTV फुटेज वायरल होने के बाद मनीष गुप्ता के गोरखपुर में रहने वाले दोस्त चंदन सैनी और राणा प्रताप चंद ने दोषी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी के साथ उनकी बर्खास्तगी और फांसी की सजा देने की मांग की है. अब देखना ये है कि फरार पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी कब तक हो पाती है.
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