Muzaffarnagar Mahapanchayat: संजीव बालियान का गुलाम मोहम्मद जौला पर हमला, मुजफ्फरनगर दंगों में साजिश का लगाया आरोप
केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने महापंचायत में गुलाम मोहम्मद जौला को मंच दिए जाने पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर की जनता पंचायत के आयोजकों से जवाब मांगेगी
Sanjeev Balyan on Ghulam Mohammad Jola: यूपी के मुजफ्फरनगर जिले में रविवार को हुई किसानों की महापंचायत में लाखों की भीड़ देखने को मिली. वहीं, महापंचायत के मंच पर गुलाम मोहम्मद जौला जगह दिए जाने को लेकर केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने हमला बोला है. संजील बालियान ने आरोप लगाया कि ऐसे लोग जिन्होंने मुजफ्फरनगर को साम्प्रदायिक दंगो की आग में झोंका और वो पंचायत के मंच पर बैठे हैं. इसका जवाब मुजफ्फरनगर की जनता पंचायत के आयोजकों से मांगेगी. उन्होंने आगे कहा कि किसान पंचायत का मंच राजनैतिक रूप ले रहा है. सभी को राजनीती करने का अधिकार है. अगर कोई राजनीती में आना चाहता है तो उनका स्वागत है.
गौरतलब है कि महापंचायत में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड से लाखों किसान शामिल हुए. किसान महापंचायत में संयुक्त किसान मोर्चा के साथ-साथ सर्व खाप के चौधरियों को भी मंच दिया गया. वहीं, अब भारतीय किसान मजदूर संगठन के अध्यक्ष गुलाम मोहम्मद जौला को मंच दिए जाने को लेकर सियासत गरमा गई है.
कौन हैं गुलाम मोहम्मद जौला?
बता दें कि गुलाम मोहम्मद जौला 80 के दशक से महेंद्र सिंह टिकैत के साथ बड़े-बड़े आंदोलन में रहे. 2013 के दंगो के बाद जौला ने भारतीय किसान यूनियन से दूरी बना ली थी. इन पर मुजफ्फरनगर 2013 दंगो में साम्प्रदायिक उन्माद फैलाने के आरोप भी लगे, लेकिन इनके खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ.
संजीव बालियान ने कहा है कि जो इस पंचायत के आयोजक हैं उनकी जिम्मेदारी और जवाबदेही है की वो माहौल को ठीक रखे और शांतिपूर्ण तरीके से पंचायत का आयोजन है. मुज़फ्फरनगर की जनता जवाब मांगेगी कि ऐसे लोग जिन्होंने मुजफ्फरनगर को साम्प्रदायिक दंगो की आग में झोका और वो पंचायत के मंच पर बैठे हैं.
मोहम्मद जौला का पलटवार
वहीं, गुलाम मोहम्मद जौला ने संजीव बालियान पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि 2013 के दंगों में संजीव बालियान और उमेश मलिक ने पैसे देकर अपने समाज के लोगों से दंगा कराया था. उस दौरान मेरे गांव में कोई हिंसा हुई और ना कोई हत्या. जबकि संजीव बालियान के गांव कुटबा कुटबी में निर्दोष बेकसूर लोगों की हत्या कर दी गई. उस समय संजीव बालियान अपने गांव में मौजूद थे. अगर वह अपने गांव में मौजूद थे तो वह हिंदुओं को क्यों नहीं रोक पाए? क्यों नहीं बेकसूर लोगों की हत्या करने वालों को पहचान कर पाए? उन्हीं के गांव वालों ने मंत्री से पैसे लेकर मुजफ्फरनगर में दंगा कराया.
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