लखनऊ: उत्तर प्रदेश को आज बड़ी सौगात मिली है. खासतौर से बुंदेलखंड के किसानों के लिए आज का दिन वाकई यादगार है क्योंकि लगभग डेढ दशक से भी ज्यादा समय से अटकी पड़ी केन बेतवा लिंक परिय़ोजना को लेकर यूपी और एमपी सरकार के बीच एमओयू साइन हुआ है, वो भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में. इसका सीधा फायदा बुंदेलखंड के 5 जिलों को होगा. जिसमें बांदा, झांसी, महोबा, ललितपुर और हमीरपुर जिले शामिल हैं. अब इस एमओयू के बाद यूपी को 1700 एमसीएम पानी मिलेगा जिससे 2.51 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बेहतर सिंचाई व्यवस्था होगी.


देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी ने कभी 'नदी जोड़ो परियोजना' का सपना देखा था. लेकिन वो सपना अब साकार होने जा रहा है. जब यूपी और एमपी दो राज्यों के बीच लंबे समय से अटकी केन बेतवा नदी लिंक परियोजना की शुरूआत हुई है. विश्व जल दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने करार पत्र पर हस्ताक्षर कर परियोजना को औपचारिक स्वीकृति दी. पीएम मोदी ने इसे 'ऐतिहासिक' करार देते हुए कहा कि समझौता पत्र पर हस्ताक्षर, महज एक कागज पर दस्तखत भर नहीं है, बल्कि यह समूचे बुंदेलखंड के सुनहरे भविष्य की भाग्य रेखा है. प्रधानमंत्री ने कहा कि केन-बेतवा लिंक परियोजना से शुरू हो रहा नदी जोड़ो अभियान देश में नदी जल प्रबंधन की दिशा में एक क्रांति है, इसका लाभ पीढ़ियों तक मिलता रहेगा.


सीएम योगी ने कही ये बात


कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सपनों को साकार होना कहा है. सीएम ने कहा कि इस समझौते से उत्तर प्रदेश में बुन्देलखण्ड क्षेत्र के जनपद बांदा, झांसी, महोबा, ललितपुर एवं हमीरपुर में कुल 2.51 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई व्यवस्था उपलब्ध और सुदृढ़ होगी. साथ ही उत्तर प्रदेश के जनपद झांसी, महोबा, ललितपुर एवं हमीरपुर में पेयजल हेतु 21 लाख जनसंख्या को 67 मिलियन क्यूबिक मीटर जल उपलब्ध कराया जा सकेगा. इस परियोजना के अन्तर्गत मध्य प्रदेश के पन्ना जनपद में केन नदी पर दौधन बांध बनाया जायेगा, जिससे 221 किलोमीटर लम्बी लिंक चैनल निकाली जाएगी, जो कि झांसी के निकट बरुआ में बेतवा नदी को जल उपलब्ध कराएगी.


केन-बेतवा लिंक नहर पर उत्तर प्रदेश की जरूरत के अनुसार आउटलेट प्रदान करते हुए महोबा, हमीरपुर एवं झांसी जिलों में बरसात में जल उपलब्ध कराते हुए इन जनपदों में पूर्व में बने बांध, जो विगत कई वर्षों से भरे नही जा सके हैं, को भी जल उपलब्ध कराया जाएगा.


केन बेतवा परियोजना की कुछ खास बातें


दरअसल, बुन्देलखण्ड क्षेत्र में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश को सिंचाई व पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु साल अगस्त-2005 में केन्द्र सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार और मध्य प्रदेश सरकार के मध्य केन-बेतवा नदी बेसिन के जल बंटवारे को लेकर समझौता हुआ था. लेकिन बाद की सरकारों द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई. परियोजना से उत्तर प्रदेश के जनपद-महोबा, ललितपुर, हमीरपुर, झांसी एवं बांदा में कुल 2.51 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में सिंचाई व्यवस्था उपलब्ध और सुदृढ़ की जाएगी. जनपद-झांसी, ललितपुर और महोबा के क्षेत्रों में लगभग 21 लाख जनसंख्या को पेयजल की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी.


हमीरपुर में मौदहा बांध को भरने की सुनिश्चित व्यवस्था करते हुए हमीरपुर में 26,900 हेक्टेयर की सिंचाई व्यवस्था और तहसील राठ में पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा. जनपद महोबा में लगभग 37,564 हेक्टेयर, ललितपुर में लगभग 3,533 हेक्टेयर, झांसी में लगभग 17,488 हेक्टेयर, हमीरपुर में 26,900 हेक्टेयर और बांदा में लगभग 1,92,479 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा का लाभ प्राप्त होगा.


2022 के चुनाव में इसे भुनाने की भी कोशिश जरूर होगी


जनपद झांसी में लगभग 14.66 मिलियन क्यूबिक मीटर, ललितपुर में लगभग 31.98 मिलियन क्यूबिक मीटर, हमीरपुर में 2.79 मिलियन क्यूबिक मीटर और महोबा में लगभग 20.13 मिलियन क्यूबिक मीटर जल पेयजल हेतु उपलब्ध कराया जा सकेगा. परियोजना के अन्तर्गत बरियारपुर पिकप बीयर के डाउनस्ट्रीम में दो नये बैराजों का निर्माण कर, लगभग-188 मिलियन क्यूबिक मीटर जल भंडारण किया जा सकेगा.


जाहिर है इस परियोजना के शुरू हो जाने से बुंदेलखंड की सबसे बड़ी समस्या जो कि सिंचाई के जल की कमी थी वो दूर होगी. साल 2022 के चुनाव में इसे भुनाने की भी कोशिश जरूर होगी.


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