Chaitra Navratri 2023: उत्तर प्रदेश की राजनीति में बीते दिनों रामचरितमानस को लेकर हुए विवाद का मुद्दा छाया रहा. समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य अभी भी अपने बयान पर कायम हैं. वहीं बीजेपी ने भी इस मुद्दे पर अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को जमकर घेरा. हालत यह हो गई कि इस मुद्दे पर सपा में दो गुट बन गए. अब रामचरितमानस विवाद के ठीक बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने एक बड़ा एलान कर दिया है. अगले साल की शुरुआत में अयोध्या में राम मंदिर (Ram Mandir) भी बनकर तैयार हो जाएगा. ऐसे में यह एलान काफी अहम हो जाता है. अगले साल यानि 2024 में ही लोकसभा का चुनाव भी है और यूपी में इसकी 80 सीटें हैं.


बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने स्थानीय प्रशासन से नौ दिवसीय चैत्र नवरात्रि और रामनवमी त्योहारों के दौरान समूचे राज्य में मंदिरों में दुर्गा सप्तशती और अखंड रामायण (Ramayana) के पाठ सहित विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने को कहा है. चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से शुरू हो रही है और रामनवमी 30 मार्च को मनाई जाएगी. हालांकि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आयोजन के लिए दी जाने वाली एक लाख रूपये की धनराशि को व्यंग्यात्मक लहजे में अपर्याप्त बताया है. वैसे उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इस कदम का स्वागत किया है.


संस्कृति विभाग के प्रधान सचिव मुकेश मेश्राम ने 10 मार्च को जारी एक आदेश में कहा है , ''चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व है. इस दौरान नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करने के लिए देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है. इसलिए इस दौरान धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन का प्रस्ताव है.'' निर्देश सभी जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों को भेजे गए हैं. आदेश में कहा गया है कि अष्टमी और रामनवमी (29 और 30 मार्च) को प्रमुख मंदिरों और 'शक्तिपीठों' में अखंड रामायण पाठ का आयोजन किया जाए ताकि मानवीय, सामाजिक और राष्ट्रीय मूल्यों का प्रसार किया जा सके. इसके लिए प्रत्येक ब्लॉक, तहसील और जिले में एक आयोजन समिति गठित की जाए.


मेश्राम ने कहा कि इसमें कुछ भी नया नहीं है क्योंकि इससे पहले भी इस तरह के कार्यक्रम होते रहे हैं. उन्होंने कहा, ''इस तरह के कार्यक्रम पहले भी आयोजित किए गए हैं और पहली बार राज्य में ये आयोजित नहीं हो रहे हैं. इन कार्यक्रमों के आयोजन से स्थानीय स्तर पर कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए एक मंच मिलेगा.'' समुचित समन्वय के लिए राज्य स्तर पर दो नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं. प्रत्येक जिले में जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) की अध्यक्षता वाली एक समिति उन कलाकारों का चयन करेगी जो कार्यक्रमों में प्रदर्शन करेंगे. आदेश में कहा गया है कि जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाना चाहिए और बड़ी जन भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए.


संस्कृति विभाग प्रत्येक जिले को एक लाख रुपये उपलब्ध कराएगा
आदेश के अनुसार, संस्कृति विभाग इन कार्यक्रमों में प्रदर्शन के लिए चुने गए कलाकारों को मानदेय के रूप में भुगतान करने के लिए प्रत्येक जिले को एक लाख रुपये उपलब्ध कराएगा. आदेश के मुताबिक सरकार ने स्थानीय प्रशासन से इन कार्यक्रमों की तस्वीरें संस्कृति विभाग की वेबसाइट पर अपलोड करने को भी कहा है. आदेश में कहा गया है कि 21 मार्च तक सभी तैयारियां कर ली जाएं और जीपीएस लोकेशन, मंदिरों के फोटो और मंदिर प्रबंधन निकायों के संपर्क विवरण संस्कृति विभाग के साथ साझा किए जाएं.


अखिलेश यादव ने सरकार को घेरा है
इस बीच इन कार्यक्रमों के लिए एक लाख रूपये उपलब्ध कराए जाने की बात पर अखिलेश यादव ने सरकार को घेरा है. मंगलवार को उन्होंने ट्वीट किया, ''रामनवमी मनाने के लिए उत्तर प्रदेश के ज़िलाधिकारियों को एक लाख रुपये दिये जाने के प्रस्ताव का स्वागत है, पर इतनी कम रक़म से होगा क्या, कम से कम 10 करोड़ देने चाहिए जिससे सभी धर्मों के त्योहारों को मनाया जा सके. भाजपा सरकार त्योहारों पर मुफ्त सिलेंडर दे और इसकी शुरूआत इसी रामनवमी से हो.''


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वहीं केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, ''भगवान श्री राम और रामचरितमानस से जुड़े किसी भी धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है तो उसका स्वागत किया जाना चाहिए. इस पर कोई सवाल या जवाब नहीं होना चाहिए, मैं बस यही चाहता हूं. बोलो जय श्री राम और जय माता दी.''


भाजपा मुद्दों और वादों पर विफल रही है- कांग्रेस
कांग्रेस प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने कहा, 'धार्मिक आयोजन करना अच्छी बात है लेकिन उन मुद्दों का क्या जिन पर लोगों ने भाजपा को वोट दिया था. लाखों नौकरियों का वादा किया गया था, आज नौकरियां कहां हैं? उत्तर प्रदेश में भाजपा उन मुद्दों और वादों पर विफल रही है जो राज्य के लोगों से किए गए थे.''