Chaitra Navratri Auraiya Mangala Kali Temple: चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) का समापन अष्टमी-नवमी की तिथि को किया जाता है. आज के दिन देवी मां के मंदिर में हवन किया जाता है तो वहीं घर और मंदिरों में कन्याओं को भोज कराया जाता है. औरैया जिले के मंगला काली मंदिर (Mangala Kali Temple) में भी आज सुबह से ही भक्तों तांता लगा हुआ है. जिले का ये सिद्धपीठ मंदिर अंग्रेजों के शासनकाल में बनवाया गया था. यहां लोगों की हर मनोकामनाएं पूरी होती हैं. लोग दूसरे जिलों से भी इस मंदिर (Temple) में माता से मन्नत मांगने आते हैं. नवरात्रि के मौके पर यहां भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है.


भक्तों की भीड़ 
रविवार को मंदिर माता के दर्शनों के लिए हजारों की संख्या में भक्तों की भीड़ लगी हुई है. आज चैत्र नवरात्रि के समापन है. इस दौरान भक्त मंदिरों में हवन-पूजन कर कन्याओं को भोज खिला रहे हैं. घरों में भी लोग कन्याओं को बुलाकर कन्या भोज करा रहे हैं.


पूरी होती है हर मन्नत 
औरैया जिले में बीहड़ में स्थित मंगला काली मंदिर सिद्धपीठ देवी माता का स्थान है. जय माता की मूर्ति के सामने जो भी भक्त सच्चे मन से मनोकामना मांगता है उसकी सभी मन्नतें पूरी होती हैं. नवरात्रि की नवमी के दिन इस मंदिर में  हजारों की तादाद में दूर-दूर से भक्त आते हैं. यहां के महंत सुधीरा महाराज का कहना है इस मंदिर की स्थापना अंग्रेजों के शासनकाल में हुई थी. जब अंग्रेज यहां से गए तो यहां पर एक मूर्ति मिली जिसके बाद लोगों ने पूजा शुरू कर दी. देखते ही देखते इस मंदिर को सिद्धपीठ मंदिर कहा जाने लगा. महंत ने बताया कि जो भी भक्त यां मन्नत मांगता है, पर्वती माता के मूर्ति के सामने धागा बांधता है तो उसकी मन्नत पूरी हो जाती है.


कन्याओं को खिलाना चाहिए भोज 
महंत सुधीरा महाराज का कहना है कि इस दिन कन्याओं को कन्या भोज खिलाना होता है. क्योंकि नवरात्रि में अष्टमी और नवमी का विशेष महत्व होता है. इस दिन लोग अपने घरों और मंदिरों में हवन-पूजन करते हैं. इस दिन माता महागौरी और सिद्धीदात्री की अराधना करनी चाहिए. कन्या पूजन के लिए अपने घर में 2 से 10 साल तक की कन्याओं को भोजन करने के लिए भी बुलाना चाहिए.


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