इटावा, एबीपी गंगा। कोटा बैराज से पानी छोड़ने के बाद चंबल नदी उफान पर है। चंबल नदी में बाढ़ आने से पचनद का स्थान पर जबरदस्त जलभराव है। चंबल और यमुना के मिलन का स्थान वहां पानी की बाढ़ दिखाई देने लगी है। इस बाढ़ की चपेट में एक दर्जन से अधिक गांव हैं और हजारों बीघा फसल डूब चुकी है।


इटावा जनपद की तहसील चकरनगर क्षेत्र में चंबल और यमुना नदी के किनारे बसे सैकड़ों गांव प्रभावित होना शुरू हो गए हैं। जब से चंबल में कोटा बैराज से पानी छोड़ा गया है तो चंबल नदी खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर बहने लगी है। उसमें पानी की अधिकता होने की वजह से आसपास बसे एक दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। घरों में पानी भर गया है। प्रशासन ने संज्ञान में लेते हुए यहां पर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है।


ऐसा ही एक मामला भी देखने को मिला कि एक बुजुर्ग युवक अपने खेतों की रखवाली के लिए रात में मचान पर गया था और सुबह जब वह उठा तो उसने देखा कि फसल तो डूब चुकी है और तकरीबन 8 फीट पानी भर चुका है जब उसने अपने बचाने की गुहार लगाई तो गांव वालों ने पुलिस को सूचना दी उसके बाद पुलिस ने आकर नाव के माध्यम से उसको बचाया और सुरक्षित घर पहुंचाया।


थाना भरेह के अंतर्गत वहां क्षेत्र में एक दर्जन गांव के डूबने के बाद प्रशासन पहुंचा और आनन-फानन में स्टीमर, नाव, डुग्गी का इंतजाम करवाया, कहीं कहीं तो प्रशासन के आला अधिकारी खुद अपने कंधों पर बोट को ले जाते नजर आये चकरनगर के कांछि गांव में मदद पहुंचाने के लिए आईएएस अधिकारी सरदार इंद्रजीत सिंह खुद अपने कंधों पर बोट ले जाते नजर आये जिससे कि लोगों को राहत पहुंचाई जा सके और घरों में घुसे पानी की वजह से वहां लोगों को बचाने का कार्य शुरू कर दिया है।