Uttarakhand Weather: लगातार बारिश से बद्रीनाथ हाईवे को बड़ा नुकसान, आईं बड़ी दरारें, राजमार्ग बंद
Badrinath Highway: उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में लगातार हो रही बारिश लोगों और प्रशासन के लिए आफत बनती जा रही है. चमोली जिले में लगातार बारिश के चलते बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गया है.
Badrinath Highway Close: उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में लगातार हो रही बारिश लोगों और प्रशासन के लिए आफत बनती जा रही है. उत्तराखंड के चमोली जिले में लगातार बारिश के चलते बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गया है. बारिश के कारण बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर पुरसाडी के पास बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं. हाइवे के बंद होने से लोगों को आवाजाही करने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जानकारी के अनुसार बद्रीनाथ हाइवे में ये दरारें लगातार बढ़ रही हैं. इससे कभी भी सड़क का एक बड़ा हिस्सा भू धंसाव की चपेट में आ सकता है.
चमोली-बद्रीनाथ राष्ट्रीय हाइवे में दरार आने की खबर से प्रशासनिक अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए हैं. वहीं इससे स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है. बद्रीनाथ हाइवे पर पुड़सारी व मैठाना गांव के बीच करीब 30 मीटर तक दरारें आ गई है. सूचना पाकर मौके पर पहुंची प्रशासन की टीम ने हाइवे को अस्थाई तौर पर बंद कर दिया है और वाहनों का आवागमन रोक दिया गया है.
प्राणमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर
वहीं चमोली जिले के थराली क्षेत्र में एक बार फिर भारी बारिश ने आफत खड़ी कर दी. कल रात सोल घाटी में भारी बारिश हुई, जिसके बाद प्राणमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बहने लगा, जिससे पिंडर नदी भी उफान पर आ गई. नदी के उफान पर होने से लोगों में दहशत का माहौल है. बीती रात थराली क्षेत्र में स्थानीय युवा पुलिस और प्रशासन की टीम लगातार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहती रही. अभी तक किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है, लेकिन घरों और कृषि भूमि को नुकसान पहुंचा है. इस बारे में चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना का कहना है कि थराली में बादल नहीं फटा है, लेकिन प्राणमती नदी में पानी काफी बढ़ गया है. प्रशासन ने उस क्षेत्र में पहले ही अलर्ट कर दिया था, लेकिन अभी तक किसी भी तरह के नुकसान की कोई सूचना नहीं है.
कालूवाला में घरों में भरा बारिश का पानी
उधर देहरादून जिले में भारी बारिश के कारण कालूवाला में घरों में अत्यधिक पानी भरने की सूचना पर एसडीआरएफ तत्काल मौके पर पहुंची और बचाव कार्य किया. एसडीआरएफ प्रभावित लोगों की मदद के लिए लगातार प्रयास कर रही है. बता दें कि पिछले कई वर्षों से यह स्लाइड जोन सक्रिय नहीं था. यहां पर करोड़ों की लागत से क्षेत्र का ट्रीटमेंट किया गया था. कई वर्षों तक इस स्लाइड जोन के शांत रहने से सभी ने राहत की सांस ली थी. मगर एक बार फिर से सड़क पर पड़ी दरारों ने लोगों के साथ-साथ प्रशासन के लिए परेशानियां खड़ी कर दी हैं.
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