Uttarakhand News: उत्तराखंड की स्वास्थ्य सुविधाएं आजादी के 75 वर्ष बाद भी ठीक नहीं हो पाई हैं. जनपद चमोली के लोग बरसात में मरीज को कंधों पर बिठाकर इलाज के लिए ले जाने पर मजबूर हैं. ईराणी गांव की तस्वीर ने स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली की पोल खोल दी. बुजुर्ग महिला को इलाज के लिए परिजन कंधों पर बिठाकर अस्पताल ले गए. उत्तराखंड में आफत की बारिश बरस रही है. नदी नालों की लहरें लोगों को डरा रही हैं. बारिश के बीच ईराणी गांव की 61 वर्षीय शंकरीदेवी की तबियत अचानक बिगड़ गई.
आजादी के 75 साल बाद भी चमोली में स्वास्थ्य सुविधा खराब
पानी की लहरों के बीज से ग्रामीणों ने बुजुर्ग बीमार महिला अस्पताल ले जाने का फैसला किया. उन्होंने डंडे के सहारे कंधों पर बुजुर्ग महिला को बिठाया. करीब 10 किमी पैदल चलने के बाद मुख्य मार्ग तक आये. उसके बाद वाहन से बुजुर्ग महिला को अस्पताल लेकर पहुंचे. अस्पताल पहुंचाने के बाद बीमार महिला को इलाज मिल पाया. बता दें कि उत्तराखंड के गठन को 23 वर्ष हो चुके हैं. सड़क नहीं होने की वजह से लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है.
लहरों को पार कर कंधों पर बिठाकर मरीज को ले गए परिजन
ग्रामीणों को इलाज कराने के लिए कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. कई गांवों में आज भी सड़क निर्माण नहीं होने से लोग परिजनों को कंधे पर ढोकर सड़क तक लाते हैं. उसके बाद वाहन से अस्पताल पहुंचाते हैं. लोगों की नाराजगी नेताओं से है. उनका कहना है कि चुनाव के सपने वादे खूब किए जाते हैं. जीतने के बाद लोग खुद को ठगा हुआ महसूस करते हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि गांव में स्वास्थ्य की मूलभूत सुविधा होने से लोगों को बरसात के दौरान जान जोखिम में नहीं डालना पड़ता.