उत्तराखंड त्रासदी: टनल में फंसे लोगों तक नहीं पहुंचा है बचाव दल, कराई जा रही है जियो सर्जिकल स्कैनिंग
उत्तराखंड में त्रासदी के बाद रिमोट सेंसिंग के जरिए टनल की ज्योग्राफिकल मैपिंग कराई जाएगी. इससे टनल के अंदर मलबे की स्थिति के अलावा और भी कई तरह की जानकारियां स्पष्ट हो पाएंगी. टनल में अभी लगभग 30 से 35 फंसे हैं.
देहरादून: तपोवन में भीषण आपदा के बाद टनल में फंसे लगभग 30 से 35 लोगों तक पहुंचने का मार्ग अभी भी अवरुद्ध है. सभी एजेंसियां रास्ते को साफ कर मजदूरों तक पहुंच बनाने का प्रयास कर रही हैं. ऐसे में पूरी कोशिश की जा रही है की जल्द से जल्द टनल को साफ किया जा सके. इसके लिए एसडीआरएफ की तरफ से ड्रोन और हॉलिकॉप्टर के जरिए ब्लॉक टनल की जियो सर्जिकल स्कैनिंग भी कराई जा रही है.
एसडीआरएफ को मिलेगी जानकारी रिमोट सेंसिंग के जरिए टनल की ज्योग्राफिकल मैपिंग भी कराई जाएगी जिससे टनल के अंदर मलबे की स्थिति के अलावा और भी कई तरह की जानकारियां स्पष्ट हो पाएंगी. इसके अलावा थर्मल स्कैनिंग या फिर लेजर स्कैनिंग के जरिए तपोवन में ब्लॉक टनल के अंदर फंसे कर्मचारियों के होने की कुछ जानकारियां भी एसडीआरएफ को मिल पाएंगी, इसमें कई तकनीकों के जरिए चमोली तपोवन में ब्लॉक टनल के अंदर पहुंचने का काम किया जा रहा है.
टनल बनाने से पहले होते हैं ये काम बताते चलें कि, जब भी किसी जगह पर टनल बनाई जाती है तो उससे पहले भी उस जमीन की भौगोलिक संरचना को समझने के लिए इसी तरह के सर्वे कराए जाते हैं. जब भी किसी जगह पर टनल बनाई जाती है तो रिमोट सेंसिंग के जरिए वहां की ज्योग्राफिकल मैपिंग की जाती है जिससे जमीन के अंदर की भौगोलिक संरचना से संबंधित डाटा उपलब्ध होता है. साथ ही जमीन के अंदर की वास्तविक स्थिति को अधिक सटीकता से समझने के लिए ड्रोन से जिओ मैपिंग के जरिए अधिक जानकारियां मिलती हैं. इसके अलावा जमीन के अंदर मौजूद किसी जीवित की जानकारी के लिए थर्मल स्कैनिंग की जाती है. लेकिन, थर्मल स्कैनिंग का दायरा बेहद कम होता है इसके लिए लेजर के जरिए स्कैनिंग की जाती है जिससे जमीन के नीचे की थर्मल इमेज भी प्राप्त होती है.
ड्रिल करने पर किया जा रहा है विचार वहीं, रेस्क्यू को लेकर डीजीपी अशोक कुमार का कहना है की टनल में पहले सिर्फ मलबा आ रहा था अब बोल्डर्स आने भी शुरू हुए हैं. ऐसे में टनल के खुलने की उम्मीद ज्यादा बन जाती है. इसके साथ ही ड्रिल करके टनल के अंदर की स्थिति को देखने पर भी विचार चल रहा है.
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