Chamoli Heavy Rain: उत्तराखंड (Uttarakhand) में चमोली (Chamoli) सहित कई जिलों में मूसलाधार बारिश (Heavy Rain) हो रही है. इस भारी बारिश चमोली जिले के कर्णप्रयाग नगर पालिका (Karanprayag Nagar Palika) के आपदा प्रभावित खौफ के साये में जी रहे है. यहां के 39 घरों में दरारें आ जाने की वजह से प्रशासन ने निवासियों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट हो जाने के आदेश दिये हैं. आपदा प्रभावितों ने आरोप लगाया कि प्रशासन द्वारा दिया गया मुआवजा नाकाफी है.


मानसूनी सीजन शुरू होते ही इन दिन पहाड़ो में बारिश कहर बनकर नाजिल हुई है, नदी नाले उफान पर है. कर्णप्रयाग नगर पालिका क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले घरों में दरारें आ जाने से ये रहने लायक नहीं हैं. यहां रहने वाले आपदा पीड़ितों ने अपनी व्यथा बयान करते हुए कहा कि इस आपदा की घड़ी में कहा जाएं, रात को हो रही भारी बारिश के कारण हम सो नहीं पा रहे हैं. आपदा प्रभावित क्षेत्र बहुगुणा नगर की पशु पालक कमला रतूडी ने कहा कि बरसाती सीजन में परिवार को लेकर कहां जाएं कुछ सूझ नहीं रहा है. पीड़ितों ने कहा कि प्रशासन द्वारा दिया गया मुआवजा नाकाफी है.


लोकसभा चुनाव का होगा बहिष्कार- स्थानीय निवासी


बीते वर्ष बहुगुणा नगर में भू धंसाव के कारण यहां के कई भवनों में दरारें आ गई थी. जिसके बाद उत्तराखंड सरकार के मंत्री और विधायक ने इस क्षेत्र का दौरा कर हर संभव मदद का आश्वासन दिया था. हालांकि इन जिम्मेदारों द्वारा किये गये वादों के मुताबिक आज तक आपदा प्रभावितों को कुछ नहीं मिला है. इस संबंद में आपदा प्रभावित राकेश खण्डूड़ी ने कहा कि चमोली जिले के प्रभारी मंत्री ने वादा किया था कि कर्णप्रयाग के बहुगुणा नगर के आपदा प्रभवितों को जोशीमठ आपदा की तर्ज पर मुआवजा दिया जाएगा. एक साल बीत जाने के बाद भी जोशीमठ आपदा की तर्ज पर कोई मुआवजा नहीं मिला. उन्होंने कहा कि भारी बारिश में इन छतिग्रस्त घरों में रहना खतरा से खाली नहीं है. पीड़ितों की सुध लेने वाला कोई नहीं है. राकेश ने कहा कि आने वाले लोकसभा चुनावों का हस बहिष्कार करेंगे.


मुआवजे को लेकर प्रशासन ने क्या कहा?


क्षतिग्रस्त भवनों में रहने वाले लोगों से मकान खाली कराने शनिवार को तहसील प्रशासन, नगर पालिका और पुलिस की टीम बहुगुणा नगर पहुंची. तहसीलदार ने आपदा प्रभावितों को छतिग्रस्त घरों को खाली करने का आदेश देते हुए कहा कि बहुगुणा नगर के 39 आपदा प्रभावित परिवारों में से आपदा के मानकों के अनुसार राशि दे दी गई है. इनमें से 9 परिवार ऐसे हैं जिन्हें प्रतिमाह चार हजार रुपये प्रशासन द्वारा उनके बैंक खातों में डाल दिया है. उन्होंने कहा कि मुआवजा देने के बावजूद भी ये लोग जान जोखिम में डालकर छतिग्रस्त भवनों में रह रहे हैं. अगर जल्द ही भवनों को खाली नहीं किया गया तो आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाएगी.  


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