Chamoli News: चमोली में दशोली विकासखंड स्थित सोनला गांव के 25 परिवार खतरे की जद में आ गए हैं. चमोली में लगातार हो रही बारिश के चलते सोनला गांव के ठीक नीचे से भूस्खलन शुरू हो गया है. ग्रामीणों का कहना है कि हाईटेंशन बिजली की लाईन का टावर लगाने से भूस्खलन की स्थिति उत्पन्न हुई है. दूसरी ओर पोखरी विकासखंड के किमगैर गांव के ऊपरी भाग में चट्टान से भूस्खलन होने के कारण रविवार को गांव के 13 परिवारों को अलग-अलग जगह पर शिफ्ट किया गया है. 4 परिवारों को राजकीय बालिका इंटर कॉलेज पोखरी, 4 परिवारों को विकासखंड के सरकारी भवनों पर और 4 परिवारों को पोखरी बाजार के एक निजी लॉज में शिफ्ट किया गया है.


28 परिवारों के सामने बड़ा संकट खड़ा हुआ
ग्रामीणों ने प्रशासन से विस्थापन की गुहार लगाई हैं. बद्रीनाथ विधायक राजेंद्र भंडारी ने भी आपदा प्रभावित क्षेत्र सोनला का निरीक्षण किया, साथ ही मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों से आवश्यक मदद करने के निर्देश दिए. इन दिनों बारिश के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. लगातार बढ़ रही आपदा के चलते लोगों को घरों को छोड़ने को मजबूर होना पड़ रहा है. दशोली ब्लॉक के सोनला गांव में 28 परिवारों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है, गांव के ऊपर से लगातार हो रहे भूस्खलन के चलते आवासीय मकान खतरे में आ गए है. जबकि किमगैर गांव के 13 परिवार बेघर हो गए है. मामले में बद्रीनाथ विधायक राजेंद्र भंडारी ने आपदा प्रभावितों से मुलाकात करते हुए प्रशासन को आपदा प्रभावितों को मदद के लिए बातचीत की.


आपदा क्षेत्रों में हालात बने हुए हैं खराब 
इस दौरान लक्ष्मण सिंह नेगी ने कहा कि पिटकुल द्वारा पॉवर टावर लगाया गया, जिसके निर्माण में की गई लापरवाही के चलते आज गांव खतरे की जद में आ गया है. वहीं बद्रीनाथ विधायक राजेन्द्र भंडारी ने बताया कि आपदा क्षेत्रों में हालात बहुत खराब बने हुए है. सोनला गांव में लैंडस्लाइड हो गया है, रोड़ टूट गया है. सारा मलबा लोगों के घरों में चला गया है. लगभग 25 परिवार आपदा की जद में हैं और अगर उनको वहां से हटाया नहीं गया तो निश्चित रूप से लोगों को खतरा पैदा हो जाएगा. इसी के साथ लोगों से कहा गया कि तत्काल प्रभाव से जानमाल की रक्षा करें और जो लैंडस्लाइड हो गई है., उसकी रोकथाम का कुछ तरीका निकालें. लोगों के घरों में पानी और मलबा चला गया है. ऐसी स्थिति में अगर और बारिश आती है तो पूरा गांव खतरे की जद में आ जाएगा. इसलिए तत्काल प्रभाव से वहां कार्रवाई होनी बहुत जरूरी है. मुझे लगता है कि आपदा अधिकारी भी वहां गए होंगे आपदा के अंतर्गत भी लोगों को जो राहत मिल सकती है वो राहत उनको मिलनी चाहिए.


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