Uttarakhand News: चमोली जिले में तोलमा के निवासियों ने सड़क का निर्माण कार्य फिर से शुरू नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है. ग्रामीणों ने सोमवार को लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता से मुलाकात कर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह को संबोधित ज्ञापन सौंपा. उन्होंने चेतावनी दी कि तोलमा में सड़क का निर्माण कार्य जल्द दोबारा शुरू नहीं होने पर जिला कलेक्ट्रेट में आंदोलन करने को मजबूर होंगे. बता दें कि नीति घाटी के दूरस्थ गांवों में से एक तोलमा पिछले 15 साल से सड़क बनने की बाट जोह रहा है.
सड़क का निर्माण कार्य शुरू नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी
तोलमा में पिछले पंद्रह साल से चार किलोमीटर लंबी निर्माणाधीन सड़क का काम अभी तक गांव नहीं पहुंचा है. दूरस्थ गांव में सड़क नहीं होने की वजह से आज भी गांववासियों को घर पहुंचने के लिए मीलों पैदल चलना पड़ रहा है. जोशीमठ मलारी सीमा सड़क पर सुराईथोठा से गांव के लिए नवम्बर 2005 में चार किलोमीटर लंबी सड़क स्वीकृत हुई थी. गांव की छाया देवी ने बताया कि डेढ़ दशक पहले सड़क निर्माण के लिए सुराईथोठा में जेसीबी आयी थी .कुछ किलोमीटर तक खुदाई काम शुरू होने के बाद फिर अचानक बंद हो गया.
लोगों ने दिखाया डीएम और सीएम को भेजे गए पत्रों का पुलिंदा
आज भी गांववालों को सड़क बनने का इंतजार है. उदय सिह ने बताया कि पिछले एक दशक से लोक निर्माण विभाग के चक्कर काटते-काटते लोग थक गए हैं. उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से हर बार अश्वासन मिलने के बावजूद सड़क का काम आगे नहीं बढ़ा है. ग्रामीण आर एस बिष्ट ने जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री को अब तक भेजे पत्रों का पुलिंदा दिखाया. उन्होंने कहा कि बार-बार अर्जी लिखने के बावजूद सड़क की स्थिति जस की तस है. नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क की सीमा से सटा होने के कारण तोलमा गांव में दुनिया भर से शोधार्थी पहुंचते हैं. द्रोणागिरी पर्वत और द्रोणागिरी गांव भी तोलमा से कुछ किलोमीटर की दूरी पर है और संजीवनी बूटी की खोज में वनस्पति विज्ञानी भी कभी कभार गांव का रुख करते हैं.
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