अयोध्या: राम नगरी अयोध्या में श्री राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्रा के नेतृत्व में सर्किट हाउस में संपन्न हुई थी. श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने मंदिर निर्माण समिति की बैठक में लिए गए निर्णय पर खुलकर जानकारी दी है. सर्किट हाउस में हुई बैठक 3 दिन में कुल 24 घंटे चली थी, जिसमें लार्सन एंड टूब्रो का सहयोग करने वाली है सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट रुड़की, एनआईटी सूरत, आईआईटी चेन्नई के प्रोफेसर और वैज्ञानिक कार्यदाई संस्था एलएंडटी की तरफ से बुलाए गए थे. बैठक में श्री राम तीर्थक्षेत्र के इंजीनियर भी शामिल हुए थे.
मंदिर निर्माण से संबंधित तमाम बिंदुओं पर हुई चर्चा
चंपत राय ने बताया कि बैठक में राम मंदिर निर्माण से संबंधित छोटे-छोटे बिंदुओं पर अहम चर्चा हुई. बैठक का मुख्य उद्देश्य मंदिर की नींव की आयु पत्थरों के हिसाब से लंबी हो, इस पर रणनीति बनाई गई. रामलला के मंदिर की नींव में भूकंप के झटके और भार सहने की क्षमता हो इसके समेत तीन बिंदुओं पर बैठक में सामूहिक विचार हुआ है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने बताया कि मंदिर निर्माण के लिए ऑटोमेटिक प्लांट पर ध्यान दिया जा रहा है साथ ही सीमेंट में कुछ ऐसा मिलाया जाएगा जिससे उसकी मजबूती और भार सहने की क्षमता बढ़े. सभी बिंदुओं पर प्रमुखता से विचार किया गया है.
सफल रही बैठक
चंपत राय ने बताया कि मंदिर निर्माण के दौरान ऑटोमेटिक प्लांट के माध्यम से इस पर भी सहमति बनी है कि राम जन्मभूमि के परिसर की जमीन खोखली है इस वजह से जमीन को मजबूती प्रदान करने के लिए लगभग 20 टन का रोलर मंगाया जा रहा है. रोलर में वाइब्रेशन कैपेसिटी भी हो इस पर ध्यान दिया जाएगा. चंपत राय ने कहा कि प्रोजेक्ट के इंजीनियरों की बैठक सफल रही है और परिणाम दायक है.
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