श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने जारी की रिंग मशीन की फोटो, जानें- क्यों है खास
राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण करने वाली एलएंडटी कंपनी ने समय को ध्यान में रखते हुए एक अलग योजना बनाई है. चंपत राय ने खुद फोटो जारी करने के साथ बताया है कि चार रिंग मशीनों का प्रयोग राम मंदिर के 1200 पिलर तैयार करने के लिए किया जाएगा.
अयोध्या: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने एक फोटो जारी की है. ये फोटो राम मंदिर की बुनियाद स्ट्रक्चर में प्रयोग की जाने वाली रिंग मशीन की है. यही मशीन राम जन्मभूमि मंदिर के मानचित्र के अनुसार 1200 पिलर के लिए भूमि की खुदाई करेगी और बुनियाद के पिलर का निर्माण करेगी. बुनियाद के ये पिलर 100 फिट गहरे और एक मीटर व्यास में चौड़े होंगे. अभी तक केवल ऐसी एक मशीन ही राम जन्मभूमि परिसर पहुंची है. अभी तीन और मशीनों का पहुंचना बाकी है.
चंपत राय ने खुद जारी की फोटो ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने खुद फोटो जारी करने के साथ बताया है कि ऐसी चार रिंग मशीनों का प्रयोग राम मंदिर के 1200 पिलर तैयार करने के लिए किया जाएगा. प्रत्येक मशीन एक दिन में एक पिलर का निर्माण करेगी. यहां ये जानना महत्वपूर्ण है कि राम जन्मभूमि मंदिर के बुनियाद स्ट्रक्चर में प्रयोग होने वाले खंभों और मशीनों के अनुपात के आधार पर समय की गणना नहीं की जा सकती है. जैसे कि ये निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि चार मशीनें प्रयोग होंगी तो रोज 4 पिलर ही तैयार होंगे. इस तरह 1200 खंभों के तैयार होने में काफी समय लगेगा.
समय को ध्यान में रखते हुए बनाई गई योजना राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण करने वाली एलएंडटी कंपनी ने समय को ध्यान में रखते हुए एक अलग योजना बनाई है. सबसे पहले ऐसे खंभों का निर्माण किया जाएगा जिसके बाद उसके ऊपर बीम डालने का कार्य शुरू हो जाएगा. जैसे-जैसे पिलर तैयार होते जाएंगे वैसे-वैसे पूरे स्ट्रक्चर को बीम के जरिए आपस में जोड़ा जाएगा. कहने का मतलब ये कि एक तरफ पुनर्निर्माण का कार्य होगा तो दूसरी तरफ पूरे बुनियाद स्ट्रक्चर को तैयार करने के लिए दूसरे कार्य भी होते रहेंगे जिससे समय की बचत हो और जल्द से जल्द भव्य राम मंदिर का निर्माण हो सके.
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