अयोध्या में मंदिर की बुनियाद निर्माण पर चंपत राय ने कही बड़ी बात, कल होनी है ट्रस्ट की अहम बैठक
अयोध्या में मंदिर निर्माण को लेकर कल यानी 21 जनवरी को अहम बैठक होनी है. वहीं, मंदिर की बुनियाद पर चंपत राय ने कहा इस पर अब सभी बातें तय हो गई हैं.
अयोध्या: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय आज अयोध्या पहुंचे. उन्होंने कहा कि नींव के निर्माण की तैयारियां चल रही हैं और बहुत शीघ्र ही नींव के निर्माण का कार्य सबके सामने आ जाएगा. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जो फेल होना था हो गया. सितंबर के महीने से अब नौ इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट इस पर काम कर रहे हैं और उन्होंने समाधान ढूंढ लिया है. हालांकि, उन्होंने यह बताने से इनकार किया कि राम मंदिर की नींव इस बार कैसे तैयार की जाएगी. उन्होंने बस इतना कहा कि, जितने स्थान में राम मंदिर का निर्माण होना था, वहां पर राम मंदिर का निर्माण होगा. अब जो हो रहा है वह सबसे सर्वोत्तम है.
चंपत राय ने कहा कि, भारत की इंजीनियरिंग दुनिया में बहुत आगे है और उन्होंने तीन से चार विकल्प पहले ही सोच रखे थे. अगर एक प्रयोग हमारे अनुकूल नहीं रहा तो इसका मतलब यह नहीं कि दुनिया में इंजीनियरिंग खत्म हो गई है. नींव किस चीज से तैयार होगी, कैसे तैयार होगी, यह जब होगा, तब बताया जाएगा. लेकिन वह बहुत जल्दी सामने आ जाएगा. राम मंदिर का कार्य 15 जनवरी से शुरू हो गया है लेकिन बुनियाद का निर्माण कैसे होगा, यह भी नहीं बताएंगे.
कल होनी है अहम बैठक
आपको बता दें कि, राम मंदिर निर्माण की बुनियाद के लिये जो समाधान खोजा गया है, उस पर विचार विमर्श के लिए श्री राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र अयोध्या पहुंच रहे हैं. 21 और 22 जनवरी को इस पर विचार विमर्श किया जाएगा और उसके बाद राम मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा.
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय की मानें, तो इस बार जो समाधान ढूंढा गया है उसके अनुसार सबसे पहले जिस भूमि पर राम मंदिर निर्माण होना है उसके नीचे के मलबे को हटाया जाएगा और जब तक मलवा मिलता रहेगा तब तक खुदाई चलती रहेगी. जहां मलवा मिलना बंद हो जाएगा, उसके ऊपर जमीन को मजबूत कर राम मंदिर की नींव का कार्य शुरू कर दिया जाएगा. खुद चंपत राय की मानें तो राम मंदिर की बुनियाद का कार्य 15 फरवरी से होते हुए दिखना शुरू हो जाएगा.
पत्थर की शिलाएं डालकर जमीन की जाएगी मजबूत
ट्रस्ट से जुड़े सूत्रों की माने तो जमीन की सतह से 50 फीट नीचे तक मलवा है. इसलिए सबसे पहले उसे हटाया जाएगा उसके बाद पत्थर की शिलाएं डालकर बुनियाद की भूमि को मजबूती दी जाएगी और उसके ऊपर राम मंदिर नींव का कार्य शुरू किया जाएगा. इसके लिए अभी फिलहाल जिस भूमि पर राम मंदिर का निर्माण होना है, वहां की सफाई की जा रही है.
ये भी पढ़ें.
रेप के बाद बेरहमी से किया ढाई साल की मासूम का कत्ल, पोक्सो कोर्ट ने दोषी को सुनाई फांसी की सजा