Champawat By Election 2022: चंपावत में सीएम धामी को मिलेगी निर्मला गहतोड़ी से 'कड़ी टक्कर', हरीश रावत का बड़ा दावा
Pushkar Dhami Vs Nirmala Gehtodi: उत्तराखंड में चंपावत विधानसभा सीट पर होने वाले चुनाव में सीएम पुष्कर सिंह धामी और कांग्रेस की निर्मला गहतोड़ी के बीच टक्कर है. जानिए इन टक्कर में कौन भारी पड़ेगा.
Champawat By Election 2022: उत्तराखंड में चंपावत विधानसभा सीट (Champawat By Election) पर 31 मई को होने वाले उपचुनाव के लिए प्रचार के आखिरी चरण में कांग्रेस महासचिव हरीश रावत (Harish Rawat) ने बृहस्पतिवार को कहा कि पार्टी प्रत्याशी निर्मला गहतोड़ी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को 'कड़ी टक्कर' देंगी. इस सीट पर होने वाले उपचुनाव में मुख्यमंत्री धामी और कांग्रेस प्रत्याशी निर्मला गहतोड़ी (Nirmala Gehtodi) के बीच मुख्य मुकाबला है. बीजेपी हो या कांग्रेस दोनों इस चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक हुई है.
हरीश रावत ने किया दावा
पिछले कई दिनों से चंपावत में डेरा डाले हरीश रावत ने चंपावत बाजार, टनकपुर, बनबसा, अमोड़ी, सूखीढांग तथा अन्य जगहों पर कार्यकर्ताओं में जोश भरने और पुराने नेताओं को फिर सक्रिय करने के अलावा लोगों से जनसभाओं, जनसंपर्क और पदयात्राओं के जरिए गहतोड़ी को वोट देने और कांग्रेस को मजबूत करने का आग्रह करने में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. रावत ने ‘पीटीआई-भाषा' से बातचीत में कहा कि मुख्यमंत्री धामी और गहतोड़ी के बीच मुकाबले को आने वाले दिनों में 'कड़ी टक्कर' में बदल दिया जाएगा.
पुष्कर धामी और निर्मला गहतोड़ी में टक्कर
हरीश रावत ने कहा कि ‘‘इस समय यह टक्कर है और आने वाले दिनों में इसे हम टफ फाइट में बदल देंगे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘पहले मतदाता बहुत मुखर था और लगता था कि वह धामी को वोट दे रहा है लेकिन हमारे समझाने के बाद अब वह खामोश है और मनन कर रहा है कि उसे क्या करना चाहिए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ जब हम लोगों से कह रहे हैं कि बीजेपी पूछो कि ये यहां क्या विकास करेंगे और जो होना है वह तो सब कांग्रेस ने ही किया है तो मतदाता सोचविचार कर रहा है.’’
कांग्रेस ने निर्मला गहतोड़ी को बनाया प्रत्याशी
दरअसल उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में चंपावत सीट पर बीजेपी के कैलाश गहतोड़ी से पराजित हुए कांग्रेस के हेमेश खर्कवाल के जब उपचुनाव लड़ने से मना कर दिया तो कांग्रेस ने निर्मला गहतोड़ी को अपना प्रत्याशी घोषित किया. इसके बाद यह चर्चा तेज हो गई कि कांग्रेस ने मुख्यमंत्री को 'वॉक ओवर' दे दिया है. हालांकि, इस बारे में पूछे जाने पर रावत ने इसका खंडन करते हुए कहा, ‘‘ऐसा कुछ नहीं है. शुरुआत में लोगों को लगा कि जब विधानसभा चुनाव में 27000 वोट पाने वाले हेमेश नहीं लड़े तो ये बीजेपी को ‘वॉक ओवर’ है. लेकिन जब लोगों ने निर्मला जी से पुराने संपर्कों को याद किया कि वह वर्षों से यहां के विकास और लोगों के व्यक्तिगत कामों के लिए सक्रिय रही हैं, उनके सुख-दु:ख में साथ खडी रही हैं, तो इस बात का भारी असर हो रहा है.’’
निर्मला के कामों की दिलाई याद
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि गहतोड़ी चंपावत की जिलाध्यक्ष, जिला पंचायत सदस्य और कैबिनेट दर्जे के साथ समाज कल्याण विभाग की अध्यक्ष रही हैं, साथ ही उन्होंने कांग्रेस को यहां खड़ा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.लउन्होंने कहा, ‘'निर्मला जी यहां की पुरानी नेता हैं, लोगों के बीच में रही हैं और वह जब लोगों से मिल रही हैं तो लोगों को उनसे पुराना रिश्ता और संपर्क याद आ रहा है. यह कांग्रेस के लिए फायदेमंद है.’’
धामी को लेकर कही ये बात
हरीश रावत ने कहा कि शुरुआत में कांग्रेस के कुछ लोग पार्टी से चले गए थे लेकिन जब उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ तो वे वापस आ गए जबकि जाने का मन बना चुके कुछ अन्य लोग रुक भी गए. फरवरी में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 70 में से 47 सीटें जीतकर प्रदेश में लगातार दूसरी बार सत्ता में आने का इतिहास रचा लेकिन जीत की अगुवाई करने वाले धामी स्वयं खटीमा से हार गए.
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3 जून को आएंगे चंपावत उपचुनाव के नतीजे
'उत्तराखंड फिर मांगे, मोदी-धामी की सरकार' के नारे पर विधानसभा चुनाव लड़ने वाली बीजेपी ने एक बार फिर धामी को ही मुख्यमंत्री बनाया. हांलांकि, उन्हें मुख्यमंत्री बने रहने के लिए शपथ ग्रहण करने से छह माह के भीतर विधायक बनना जरूरी है. जिसके लिए वह चंपावत से उपचुनाव लड़ रहे हैं. धामी ने 23 मार्च को दूसरी बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. इससे पहले, धामी के उपचुनाव लड़ने का रास्ता साफ करने के लिए कैलाश गहतोड़ी ने 21 अप्रैल को अपनी विधानसभा सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया था. उपचुनाव का परिणाम तीन जून को आएगा.
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