Champawat Bypolls: कांग्रेस के बड़े नेताओं ने बनाई प्रचार से दूरी, प्रत्याशी के साथ अकेले पड़े प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा
चंपावत उपचुनाव (Champawat Bypolls) के रण से कांग्रेस (Congress) के सभी बड़े नेताओं ने दूरी बनाई हुई है. ऐसे में कांग्रेस प्रत्याशी के साथ वे चंपावत में अकेले प्रचार में लगे हुए हैं.
Uttarakhand Bypolls: चंपावत उपचुनाव (Champawat Bypolls) के रण से कांग्रेस (Congress) के सभी बड़े नेताओं ने दूरी बनाई हुई है. उपचुनाव की तारीख बहुत नजदीक आ गई है, लेकिन यहां कांग्रेस का कोई नेता चुनावी रण में दिखाई नहीं दे रहा है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा (Karan Mahara), चंपावत उपचुनाव में अकेले पड़ गये हैं. जबकि दूसरी ओर बीजेपी (BJP) ने चंपावत में डेरा डाला हुआ है. बीजेपी से प्रत्याशी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushar Singh Dhami) भी चंपावत में कई दौरे कर चुके हैं.
सुस्त पड़ी कांग्रेस
बीजेपी अपने 40 स्टार प्रचारकों की सूची भी जारी कर चुकी है. जिसमें चंपावत के रण में प्रदेश स्तरीय बड़े नेताओं को तो जिम्मेदारी दी ही गई है, वहीं केंद्र के बड़े नेताओं को भी स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल किया गया है. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने अभी तक किसी भी केंद्रीय नेता का नाम चंपावत उपचुनाव में प्रचार के लिए तय नहीं किया है. ऐसे में कांग्रेस की इस चुनावी रण में सुस्त रफ्तार साफ देखी जा सकती है. हालांकि कांग्रेस का कहना है कि वो पूरी तत्परता के साथ, ये चुनाव लड़ना चाहते हैं, जबकि धरातल पर ऐसा दिखता नहीं.
बीजेपी नेताओं का दावा
दूसरी ओर बीजेपी के नेता चंपावत उपचुनाव में अन्य चुनाव की तरह ही पूरे जोश के साथ दिखाई दे रहे हैं. जिन प्रदेश स्तरीय नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है वो चंपावत में ही हैं और लगातार जनता के बीच जा रहे हैं. बीजेपी का दावा है कि वो इस उपचुनाव को बड़े मार्जिन से जीतने जा रही है. वहीं राजनीतिक जानकार भी ये बताते हैं कि चंपावत के इस रण में जहां खुद सूबे के मुखिया चुनावी मैदान में हों कांग्रेस उस हिसाब से तैयार नहीं दिखाई दे रही है. जबकि दूसरी ओर बीजेपी की तैयारी जबरदस्त है.
कांग्रेस इस उपचुनाव में केवल अपने प्रदेश अध्यक्ष के भरोसे दिखाई दे रही है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा चंपावत के दौरे पर हैं और लोगों के बीच जा रहे हैं. केंद्र से कौन बड़ा नेता कांग्रेस का यहां आयेगा, इसको लेकर भी स्थिति साफ नहीं है. ऐसे में जानकारों का यही कहना है कि सूबे के मुखिया के सामने कांग्रेस से उतारी गई महिला कैंडिडेट कितनी सफल हो पायेगी ये तो चुनावी नतीजा ही बतायेगा.
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