Watch: सीएम धामी के विधानसभा क्षेत्र में जान जोखिम में डाल नदी पार कर रहे लोग, वीडियो वायरल होने पर हुआ बड़ा एक्शन
Uttarakhand News: चंपावत में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विधानसभा क्षत्रे में ग्रामीणों को पुल के अभाव में जान हथेली पर रखकर ट्यूब के सहारे नदी पार करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.
Champawat News: उत्तराखंड (Uttarakhand) के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) के विधानसभा क्षेत्र चंपावत के सीमांत क्षेत्र का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में दिख रहा है कि किस प्रकार से कुछ युवा ट्रक के टायर की ट्यूब के सहारे जान जोखिम में डालकर ग्रामीणों को लधिया नदी पार करा रहे हैं. दरअसल सीमांत ग्रामीण क्षेत्र को मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिए कोई पुल नहीं है. ऐसे में स्थानीय ग्रामीणों को मजबूरी में हवा भरी ट्यूब के सहारे ही नदी पार करने के लिए मजबूर होना पड़ता है.
सोशल मीडिया पर यह वीडियो खूब वायरल हो रहा है कि सीएम धामी की विधानसभा में भी ग्रामीणों को पुल के अभाव में जान हथेली पर रखकर नदी पार करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. वायरल हो रहे वीडियो में ग्रामीण बताते नजर आ रहे हैं कि किस प्रकार उन्हें हर साल बरसात के महीनों में तीन महीने तक इसी प्रकार जान जोखिम में डालकर सफर करना पड़ता है.
प्रभारी जिलाधिकारी दिए ये निर्देश
वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए चंपावत के प्रभारी जिलाधिकारी हेमंत कुमार वर्मा ने टनकपुर पूर्णागिरि तहसील के उप जिलाधिकारी को निर्देशित किया है कि इस प्रकार नदी पार करने पर रोक लगाई जाए. साथ ही उन्होंने संबंधित लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से भी प्रोजेक्ट की जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है. जिलाधिकारी ने एक समिति का गठन किया है जिसमें उप जिला मजिस्ट्रेट पूर्णागिरि (टनकपुर) को अध्यक्ष नियुक्त किया गया है.
टीम में इन अधिकारियों को भी किया गया शामिल
इसके अलावा पुलिस क्षेत्राधिकारी टनकपुर, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी चंपावत, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला सशक्तिकरण और बाल विकास, खंड विकास अधिकारी चंपावत, खंड शिक्षा अधिकारी चंपावत, अधिशासी अभियंता पीआईयू ठुलीगढ़, अधिशासी अभियंता प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग टनकपुर और पूर्ति निरीक्षक टनकपुर को सदस्य रखा गया है. प्रभारी जिलाधिकारी ने गठित समिति को त्वरित कार्रवाई करते हुए क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण कर वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी करते हुए जांच रिपोर्ट तीन दिन के भीतर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. साथ ही विभागीय अधिकारियों को क्षेत्र में वर्तमान में उपलब्ध आवश्यक सुविधाओं, स्वास्थ्य, शिक्षा, खाद्यान्न, रोजगार, सड़क आदि के संबंध में भी आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं.
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