Uttarakhand News: स्कूल (School) के दरवाजे हर दिन अपने विद्यार्थियों के लिए खुलते हैं लेकिन उत्तराखंड (Uttarakhand) में एक ऐसा स्कूल है जो पिछले 9 सालों में केवल पांच बार ही खुला है और वह भी बच्चों को शिक्षा देने के लिए नहीं बल्कि मतदान के लिए. यह चंपावत के खुनदी गांव का सरकारी प्राथमिक स्कूल है जिसे मंगलवार को चंपावत विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के लिए मतदान केंद्र में तब्दील किया गया था. बता दें कि चंपावत सीट से सीएम पुष्कर सिंह धामी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. 


पलायन से हो रहे हैं स्कूल बंद


स्कूल में बच्चों के आने का सिलसिला जब थम गया तो 2013 में इसे बंद कर दिया गया. यह चंपावत जिले का पहला स्कूल नहीं है जो बंद पड़ा हुआ है. उत्तराखंड के अस्तित्व में आने के बाद से इस जिले में अब तक 43 प्राथमिक स्कूल बंद हो चुके हैें. स्कूल आने वाले बच्चों की संख्या घटते-घटते शून्य हो जाना इसका मुख्य कारण है. वहीं, दूसरी बड़ी वजह लोगों का पलायन भी रहा है. बेहतर जीवन की आस लिए लोग वैसे इलाके का रुख कर रहे हैं जहां जीवनयापन और शिक्षा के बेहतर साधन उपलब्ध हैं. 


जिला के शिक्षा अधिकारी (प्राथमिक) चंदन सिंह बताते हैं कि खुनदी का यह स्कूल 2013 के बाद 2017, 2019 और 2022 खुला है. यह स्कूल हर बार मतदान के लिए ही खोला गया है. सबसे पहली बार फरवरी 2017 में उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में स्कूल के दरवाजे खोले गए. इसके बाद अप्रैल 2019 में लोकसभा चुनाव, अक्टूबर 2019 में पंचायत चुनाव, 14 फरवरी को विधानसभा चुनाव और मंगलवार को उपचुनाव के लिए स्कूल को खोला गया था.


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प्राइवेट स्कूल में दिख रहा भविष्य


आप इस दूरवर्ती गांव की स्थिति का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि गांव से मोटर वाली सड़क यानी चंपावत-खेतीखान मार्ग की दूरी 17 किलोमीटर है. यह गांव दिगदई पंचायत के अंतर्गत आता है. यहां 2010 में प्राइवेट स्कूल खुला था जिसके बाद से ही बच्चे धीरे-धीरे सरकारी स्कूल छोड़कर प्राइवेट स्कूल का रुख करने लगे. स्कूल बंद होने का दूसरा कारण पलायन भी रहा है. स्थानीय लोग बताते हैं कि समय के साथ यह गांव धीरे-धीरे खाली हो गया है.


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