Uttarakhand News: उत्तराखंड (Uttarakhand) में बीते दिनों एक स्कूल में कई उच्च जाति के छात्रों ने एक दलित रसोइए द्वारा तैयार मिड डे मील खाने से इनकार कर दिया था. अब वहां कुछ महीने बाद एक और विवाद खड़ा हो गया है. एक बार फिर से वही विवाद खड़ा हो गया है. ये मामले चंपावत (Champawat) जिले का है. इसकी जानकारी स्कूल के प्रिंसिपल प्रेम सिंह ने शुक्रवार को दी. 


क्या है मामला?
स्कूल के प्रिंसिपल प्रेम सिंह ने बताया कि करीब 7 से 8 छात्रों ने एक बार फिर से सुनीता देवी द्वारा पकाए गए मिड डे मील को खाने से इनकार कर दिया है. पिछले साल दिसंबर में भी ये विवाद सामने आया था. तब विवाद के बाद सुनीता देवी को बर्खास्त कर दिया गया था. लेकिन फिर से नियुक्त होने के बाद, मार्च के अंत में स्कूल में मिड डे मील फिर से शुरू किया गया. वहीं इस विवाद के सामने आने के बाद चंपावत के जिलाधिकारी नरेंद्र सिंह भंडारी एक्टिव मूड में आए. उन्होंने शुक्रवार को सभी छात्रों के माता-पिता के साथ बैठक की. इस बैठक में ये सुनिश्चित किया गया कि बच्चे भोजन करें. 


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डीएम ने भी की बैठक
स्वतंत्र संग्राम सेनानी स्वर्गीय श्री राम चंद्र शासकीय इंटर कॉलेज जौल गांव के प्राचार्य ने इस संबंध में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि शुक्रवार को डीएम और कुछ पुलिस अधिकारियों ने छात्रों और उनके माता-पिता के साथ बैठक की है. उन्होंने भोजन का बहिष्कार करने वालों को मनाने की कोशिश की. बैठक के बाद अधिकारियों ने खुद स्कूल में भोजन किया. हालांकि ये 7-8 छात्रों ने अभी भी चावल नहीं खाने का दावा करते हुए खाने से इनकार कर दिया है. 


इससे पहले प्रिंसिपल ने भी पिछले दिनों अभिभावकों के साथ बैठक की थी. तब उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर ऐसा होता रहा तो छात्रों को स्कूल से निकाल दिया जा सकता है. इस दौरान उनके माता-पिता ने आश्वासन दिया था कि वे अपने बच्चों से खाना खाने के बार में बात करेंगे. लेकिन उन छात्रों पर दबाव न बनाने के लिए भी कहा था. 


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