Uttarakhand News: उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक द्वारा अभियान चलाकर नाबालिग बच्चों द्वारा स्कूलों-कॉलेजों में वाहन का प्रयोग करने, स्टंट करने और रैश ड्राइविंग कर दूसरों की जिन्दगी को खतरा उत्पन्न करने सम्बन्धी घटनाओं की रोकथाम के निर्देश दिए गए हैं. नाबालिग बच्चों के साथ-साथ उनके अभिभावकों के खिलाफ भी कार्रवाई किये जाने सम्बन्धी निर्देश प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षकों को दिए गए हैं. इसके तहत चंपावत पुलिस भी अब ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई का मन बना चुकी है. पुलिस इसे लेकर चेकिंग अभियान चला रही है. इसमें कई नाबालिग वाहन चलाते पाए जा रहे हैं. इस वजह से सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है.


अभिभावकों को बुलाया गया थाने
चंपावत पुलिस अधीक्षक कार्यालय के निर्देश पर इस क्रम में लोहाघाट थाने के एसओ मनीष खत्री के नेतृत्व में चेकिंग अभियान चलाया गया, अभियान के दौरान पुलिस टीम द्वारा लोहाघाट क्षेत्र में 7 नाबालिग बच्चों को दुपहिया वाहन चलाते हुए पाया गया, जिसमें सभी वाहन मालिकों के खिलाफ चालान की कार्रवाई करते हुए उनके अभिभावकों को लोहाघाट थाने में बुलाया गया. उन्हें नाबालिग बालकों को वाहन नहीं देने की हिदायत भी दी गयी.


अभिभावकों को दी गई हिदायत
लोहाघाट थाने के एसओ मनीष खत्री ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि, सभी अभिभावकों को हिदायत दी गयी है कि भविष्य में दोबारा नाबालिग बच्चे अगर वाहन चलाते हुए पाये जायेंगे तो मोटर वाहन अधिनियम 1988 (संशोधित 2019) की धारा 199A(1) के अन्तर्गत अभिभावकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी, जिसके अन्तर्गत 03 वर्ष तक का कारावास या 25 हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है. अभिभावक बच्चों को वाहन देने से पहले यह सुनिश्चित करें कि उनकी उम्र वाहन चलाने योग्य हो, साथ ही सड़क सुरक्षा के लिए सभी नियमों का पालन किया जा रहा हो.


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