Black Rice: चंदौली के काला चावल की दुनियाभर में हो रही है चर्चा, UNDP ने की तारीफ
काला चावल की तारीफ सयुक्त राष्ट्र से जुड़ी संस्था UNDP ने कर दी है जिसके बाद इस चावल की महत्ता और बढ़ गयी है. डीएम चंदौली का कहना है कि एक जिला एक उत्पाद के मुहिम में काला चावल की खेती की शुरुआत की गयी थी.
चंदौली: एक जिला एक उत्पाद मुहिम के तहत उत्तर प्रदेश के चंदौली में दो साल पहले काले चावल की खेती शुरू की गयी थी. आज इस चावल की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है. सयुक्त राष्ट्र से जुड़ी संस्था यूएनडीपी (UNDP) ने ब्लैक राइस की तारीफ की है.
आम तौर पर आपके घर में जो चावल बनता है उसका रंग सफेद होता. लेकिन आज हम जिस चावल के बारे में आपको बताने जा रहे हैं उसका रंग पूरी तरह से काला है. यही वह चावल है जो इन दिनों पूरी दुनिया में धूम मचा रहा है. इस ब्लैक राइस की बड़ाई पहले पीएम नरेंद्र मोदी खुद कर चुके हैं. पिछले साल इस चावल का निर्यात आस्ट्रेलिया जैसे देश में हुआ था जिसके बाद यहां के किसान काफी खुश थे लेकिन अब इस चावल की तारीफ सयुक्त राष्ट्र से जुड़ी संस्था UNDP ने कर दी है जिसके बाद इस चावल की महत्ता और बढ़ गयी है.
किसानों को इसका ज्यादा मूल्य मिल रहा है- डीएम चंदौली
इस पूरे मामले में डीएम चंदौली संजीव सिंह का कहना है कि एक जिला एक उत्पाद के मुहिम में काला चावल की खेती की शुरुआत की गयी और आज यह चावल अपनी पहचान पूरी दुनिया में बनाता जा रहा है. इस चावल में सभी पौष्टिक गुण उपलब्ध हैं और शुगर और कैंसर जैसी बीमारी में यह चावल लाभदायक है. किसानों को इसके ज्यादा मूल्य मिल रहे हैं.
आपको बताते चलें कि चंदौली को धान का कटोरा कहा जाता है और यहां अच्छी किस्म के चावल की पैदावर की जाती है. खासकर चकिया इलाके में सेंटेड और उत्तम किस्म के चावल पैदा होती है जो पूरे यूपी में भेजा जाता है. एक कहावत बहुत चर्चित है...'सोने पे सुहागा' चंदौली में पहले से ही अच्छे और उत्तम किस्म के चावल की पैदावर होती थी उसके बाद ब्लैक राइस की पैदावर ने जिले का नाम अतंर्राष्ट्रीय मंच पर चर्चित करा दिया.
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