Chandauli Lost Child Found: बॉलीवुड फिल्म का एक गाना बहुत मशहूर है "जिसका कोई नहीं उसका तो खुदा है यारों". हम बात कर रहे हैं दिल्ली-कोलकाता के बीच सबसे बड़े और व्यस्त स्टेशनों में शुमार पंडित दीनदयाल मंडल के मंडल सुरक्षा आयुक्त की. इन्होंने मानवता पेश करते हुए दूत बनकर एक मंदबुद्धि बालक को उसकी बिछड़ी मां से मिलवा दिया है. जब खोया हुआ बेटा मां (Son) को मिला तब मां ने दिल ही दिल में DDU मंडल के कमांडेंट (Commandant) को आशीर्वाद दिया. खुदा तो दिखता नहीं पर खुदा ने अपना दूत बनाकर इस मां को बिछड़े हुए बेटे से मिलाने का काम कमांडेंट को सौंपा और उन्होंने पूरी लगन के साथ अपने काम को पूरा किया.


लापता हो गया रोहित 
रोहित मंदबुद्धि है और 21 अप्रैल 2022 को वो अपने परिवार के साथ बुद्धपूर्णिमा एक्सप्रेस से रफीगंज से चुनार जा रहा था. डीडीयू स्टेशन पर रात को ट्रेन रुकने के बाद रोहित किसी तरह ट्रेन से उतरकर कहीं चला गया. पूरे परिवार ने रोहित को बहुत खोजा लेकिन वो कहीं नहीं मिला.


मां ने RPF कमांडेंट को किया फोन 
रोहित की मां सुनीता देवी ने 24 अप्रैल को DDU मंडल के RPF कमांडेंट को लगभग 9 बजे फोन किया और आपबीती बताई. जिसके बाद RPF वरीय मंडल सुरक्षा आयुक्त की तरफ से मिसिंग बच्चे की तलाश के लिए इंस्पेक्टर डीडीयू और इंस्पेक्टर सासाराम की एक संयुक्त टीम बनाई गई. टीम को गाड़ी संख्या 14224 (बुद्धपूर्णिमा एक्सप्रेस) के रास्ते में पड़ने वाले सभी स्टेशनों, जहां गाड़ी का ठहराव है, वहां पता करने और जहां-जहां सीसीटीवी कैमरे लगे हैं वहां चेक कर बच्चे की तलाश किए जाने को लेकर निर्देश दिए गए. रास्ते में पड़ने वाले स्टेशन जहां सीसीटीवी लगे हुए हैं, वहां चेक कराया गया साथ ही दानापुर मंडल से भी समन्वय स्थापित कर ट्रेन के गंतव्य स्टेशन राजगीर में भी सीसीटीवी को चेक करवाने का आग्रह किया गया. 


टीम ने की पूरी मदद
इस पूरे मामले में दीनदयाल मंडल के सुरक्षा आयुक्त आशीष मिश्रा का कहना है कि, ''24 तारीख को करीब 9 बजे मेरे पास एक फोन आया और महिला जो काफी व्यथित थी उन्होंने बताया कि इनका बच्चा खो गया है. 21 तारीख से ही उसको खोज रही हैं. सीसीटीवी फुटेज में बुद्धपूर्णिमा एक्सप्रेस में उसे चढ़ते हुए देखा है. जानकारी मिलने के बाद तुरंत हम लोगों ने पहले इनको आश्वस्त किया कि आप निश्चिंत रहिए आपको हमारी टीम से पूरी मदद करेगी.'' 


मां ने दिखाई हिम्मत 
आशीष मिश्रा ने कहा कि, ''इसके बाद हमने भभुआ के स्टाफ और सासाराम के स्टाफ को निर्देश दिया कि इनकी मदद करें और तमाम सीसीटीवी फुटेज दिखाएं. यहां पर जो हम लोगों ने सीसीटीवी देखा तो बच्चा ट्रेन में चढ़ता हुआ दिखाई दिया था. बुद्धपूर्णिमा के सभी स्टॉपेज के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए. ट्रेन का डेस्टिनेशन राजगीर था. राजगीर के सीसीटीवी को देखने से पता चला कि बच्चा वहां पर उतरा है. तुरंत वहां के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त से बात की और वहां की टीम को भी एक्टिवेट किया. वहां पर इनके मामा थे जिन्होंने बच्चे की शिनाख्त की. उसके बाद बच्चा फुटओवर ब्रिज से उतरकर बाहर जाते हुए देखा गया. इसके बाद हमने वहां के लोकल थाने से संपर्क किया. इनका फोन लगातार हमारे पास आ रहा था ये बहुत ही हिम्मती महिला हैं.''


मिल गया बच्चा
आशीष मिश्रा ने बताया कि, ''हम तो बस एक माध्यम थे बाकी मां की गुहार थी. हम लोगों ने इनको राजगीर भेजा जहां से उन्होंने बताया कि इनकी मदद हो नहीं पा रही है. इन्होंने फोटो और इश्तहार भी जगह-जगह बांटा था. अगले दिन सुबह नारदीगंज थाने से खबर आई कि इनका बच्चा मिल गया है. इसके बाद तुरंत रेलवे सुरक्षा बल बख्तियारपुर को इन्फॉर्म किया गया और बच्चे को और इनको एक साथ इकट्ठा किया गया. आज ये हमारे ऑफिस में उपस्थित हुई हैं. मैं इनके जज्बे को सलाम करता हूं. हम लोग  जो मदद कर सकते थे वो की है. इनका बच्चा थोड़ा मानसिक रूप से कमजोर है, जिसकी उम्र 13 साल है. लेकिन जिस शक्ति से इन्होंने उसको खोजा और जो हिम्मत दिखाई वो तारीफ के काबिल है. मैंने इनको बोला भी था कि आप निश्चिंत रहिए आपका बच्चा जरूर मिलेगा. आज हमको और हमारी टीम को बहुत गर्व है कि हम इनके कुछ काम आए.''


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