Power Crisis: प्रदेश में इस समय बिजली को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. धान का कटोरा कहे जाने वाला जनपद चंदौली भी अघोषित बिजली कटौती से अछूता नहीं है. जनपद में ग्रामीण इलाकों में जबरदस्त बिजली कटौती हो रही है. नक्सल प्रभावित इलाका भी बिजली कटौती से परेशान हैं. जिससे लोगों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है. ग्रामीणों द्वारा बिजली कटौती को लेकर लगातार उच्चाधिकारियों से शिकायत की गई, लेकिन सुनवाई ना होता देख आक्रोशित लोगों ने जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है.


डिप्टी सीएम से मिले लोग
धरना प्रदर्शन के दौरान यूपी के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक चंदौली दौरे पर थे. बिजली कटौती रोकने की मांग को लेकर आक्रोशित लोगों ने डिप्टी सीएम से मुलाकात की और पत्र भी सौंपा. इस दौरान बिजली कटौती रोकने की मांग को लेकर धरने पर बैठे लोगों के समर्थन में जिले के अधिवक्ता भी सामने आ गए और धरने को समर्थन देते हुए धरना स्थल पर पहुंचे. प्रदेश सरकार और बिजली विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. आक्रोशित लोगों ने मांग की कि जल्द से जल्द बिजली आपूर्ति सुचारू रूप से बहाल किया जाए. क्योंकि अघोषित बिजली कटौती से लोगों की दिनचर्या पर काफी बुरा असर पड़ रहा है. वहीं किसानों को भी अघोषित विद्युत कटौती से खेती करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.


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क्या बोले धरने पर बैठक किसान?
धरने पर बैठे किसान बृजेश कुमार सिंह ने कहा कि हमारे जिले में बिजली की समस्या बहुत तगड़ी चल रही है. इतनी समस्या है कि 24 घंटे में दो-तीन घंटे ही बिजली मिल रही है. कभी 10 मिनट के लिए कभी 15 मिनट के लिए आ रही है. अभी हमारे यहां बच्चों की परीक्षा हैं CBSE बोर्ड की परीक्षाएं चल रही हैं. उनके लिए दिक्कत हो रही हैं. खेती में हम लोग गर्मी के फसल की खेती करते हैं. किसानों का धान का कटोरा माना जाता है चंदौली को, उसमें जो भी सिंचाई की जरूरत होती है, वो नहीं हो पा रही हैं. फसले सुख रही हैं, गर्मी वाली जो भी हैं बिजली की वजह से हम लोग इतना परेशान हैं कि उसका कोई सीमा नहीं है. हमारी मांग है कि सीएम से जो भी 20 घंटे या 15 घंटे बिजली मिलती है, रोस्टर के हिसाब से कम से कम रात और दिन में पाच घंटे या 10 घंटे मिले. हम लोग दो दिन से धरने पर बैठे हैं. अब एकदम परेशान हो गए हैं.


सब्जियों की फसल को लेकर कही ये बात
वहीं धरनारत भूपेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि बिजली की स्थिति बहुत ही खराब है. इस समय जिले में हमारे 24 घंटे में मान के चलिए एक घंटे बिजली आ रही है. एकदम त्राहिमाम मचा है, किसानों के खेत में काम नहीं हो पा रही है. सब्जी में पानी नहीं पहुंच रहा है. घर में आप तो देखे होंगे पानी की इतनी किल्त है, ना पंप चल रहे हैं. मतलब बहुत ही स्थिति खराब है. हम सब्जी लगाए हैं, सब्जियों में बताइए किसान के जब ट्यूबेल चलेंगे ही नहीं तो किसानों के भोजन की व्यवस्थाएं कहां से चलेंगी. पानी वहां तक पहुंच नहीं पा रहे हैं. पानी जब नहीं पहुंचेंगे तो फसल उगेंगे कहां से कैसे, बेचेंगे और उनका पेट कैसे चलेगा. इसलिए धरना प्रदर्शन हो रहा है. 


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