Afghanistan Taliban Crisis: अफगानिस्तान में फंसे चंदौली जिले के अमोघपुर गांव निवासी सूरज चौहान सकुशल घर वापस लौट आए हैं. भारतीय वायुसेना के विमान से काबुल से सूरज की भारत वापसी हुई. सूरज के सकुशल घर लौटने के बाद उनके परिजन काफी खुश हैं. खुशी के मारे पिता की आंखों में आंसू छलक गए. सूरज ने पिता का मुंह मीठा कराया. सूरज और उनके परिजनों ने भारत सरकार का धन्यवाद किया है. सूरज ने कहा कि अब कभी वो पाकिस्तान नहीं जाएंगे.
वेल्डिंग का काम करने गए थे सूरज
दरअसल, सूरज चौहान जनवरी 2021 में काबुल में एक स्टील फैक्ट्री में वेल्डर का काम करने गए थे. तालिबान के हमले के बाद सूरज समेत उत्तर प्रदेश के करीब 18 लोग फैक्ट्री में फंसे हुए थे. अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद सूरज के परिजनों में कोहराम मच गया था. परिजनों में डर का माहौल था.
सूरज किसी तरह व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल के माध्यम से संपर्क कर रहा था. सूरज के परिजनों ने भारत सरकार उसे सकुशल वापस लाने की गुहार लगाई. भारत सरकार की कोशिशों के बाद विमान से कल यानी रविवार के दिन सूरज सहित उसके साथ फंसे 14 लोगों को काबुल से गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस लाया गया. ट्रेन से सूरज अपने घर पहुंचा.
सूरज को सकुशल देखकर घरवालों की खुशी का ठिकाना नहीं था. लकवा ग्रस्त पिता बुद्धि राम चौहान अपने बेटे को देखकर रो पड़े. परिजन पूरे मोहल्ले को मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार कर रहे हैं.
कभी नहीं जाऊंगा काबुल
सूरज ने कहा कि तालिबान के कब्जे के बाद जितने दिन वो काबुल में रहा डर के माहौल में रहा. उसने बताया कि हालांकि फैक्ट्री मालिक उनकी मदद कर रहा था. सूरज ने कहा खुशी बयां नहीं कर सकता. जिंदगी भर उसे अफगानिस्तान का किस्सा याद रहेगा. सूरज भारत सरकार और मीडिया का धन्यवाद किया है. सूरज ने यह भी कहा कि अब दोबारा कभी काबुल नहीं जाएगा.
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