UP Assembly Election 2022: चंदौली जिले की सैयदराजा विधान सभा सीट (Saiyadraja Assembly Seat) इन दिनों हॉट सीट बनी हुई है. यहां बीजेपी से वर्तमान विधायक सुशील सिंह एक बार फिर से दावेदारी कर रहे हैं तो दूसरी ओर सपा से मनोज सिंह डब्लू चुनावी मैदान में ताल ठोंक रहे हैं. ये सीट बाहुबलियों की सीट कही जाती है. बाहुबलियों की इस सीट पर संग्राम छिड़ा है. चन्दौली की सैयदराजा विधानसभा सीट पर बृजेश सिंह के भतीजे सुशील सिंह की साख दांव पर सामने है.
क्या है इतिहास
चंदौली में सैयदराजा विधानसभा साल 2012 में अस्तित्व में आया था. इसके पहले यह सीट चंदौली सदर के नाम से जानी जाती थी और पहली बार 1952 में चंदौली सदर सीट से कांग्रेस के कद्दावर नेता स्वर्गीय कमलापति त्रिपाठी विजयी हुए थे. बाद में आगे चलकर यह सीट सुरक्षित कर दी गयी और 2012 में इस सीट का नाम सैयदराजा हो गया, जो सामान्य सीट है. साल 2007 में बहुजन समाज पार्टी के शारदा प्रशाद ने समाजवादी पार्टी के राम उजागर गौड़ को 8,506 मतों से हराया था.
कब कौन जीता?
यह सीट चंदौली सदर के नाम से जानी जाती थी जो सुरक्षित सीट थी. साल 2012 में मनोज कुमार सिंह उर्फ डब्लू निर्दलीय उम्मीदवार थे. इन्होंने पूर्वांचल के डान बृजेश सिंह को हराया था. बृजेश सिंह पीएमएसपी पार्टी से चुनाव लड़े थे. 29.23 फीसदी के साथ मनोज सिंह डब्लू को कुल 51,499 वोट मिले थे जबकि 28.08 फीसदी के साथ डान बृजेश सिंह को 49,483 वोट मिले थे. साल 2017 चुनाव में बीजेपी की लहर थी और बीजेपी के सुशील सिंह ने अपने चाचा डान बृजेश सिंह के हार का बदला लेते हुए बहुजन समाज पार्टी के बाहुबली नेता विनीत सिंह को धूल चटाया था और जीत दर्ज की थी.
इस चुनाव में सुशील सिंह को कुल 78,869 वोट मिले जबकि बहुजन समाज पार्टी के बाहुबली नेता विनीत सिंह को 64,375 वोट मिले थे. बाहुबलियों का इस सीट को लेकर खास आकर्षण देखने को मिला है और अब एकबार फिर से नेता चुनाव मैदान में हैं लेकिन जनता विकास को तरजीह दी रही है. विकास, बाहुबल और जातिगत लड़ाई की धार पर कौन खरा उतरेगा ये तो आने वाला वक्त बतायेगा लेकिन चंदौली की सैयदराजा की सीट पर चुनावी समर जारी है और नेता अपने दावे करते नजर आ रहे हैं.
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