Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के चंदौली (Chandauli) जिला मुख्यालय के वार्ड नंबर दो शास्त्री नगर स्थित ब्लोसम एकेडमी के प्रधानाचार्य द्वारा गुरुवार को एक दर्जन से अधिक छात्रों को परीक्षा केंद्र से बाहर निकाल दिया गया. छात्रों ने आरोप लगाया कि उनका चयन राइट टू एजुकेशन के तहत हुआ था, लेकिन संचालक शासन के नियमों को ताक पर रखकर प्रत्येक छात्र से 18 सौ रुपये फीस की डिमांड की जा रही है. ऐसे में नाराज छात्र और अभिवावक पॉलिटेक्निक कॉलेज परिसर स्थित डीएम आवास पर पहुंच गए, जहां घंटे भर बाद पहुंचे बीएसए सत्येंद्र कुमार सिंह ने छात्रों को समझा कर वापस भेज दिया.
दरअसल, शिक्षा विभाग के द्वारा हर साल गरीब बच्चों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा देने के लिए राइट टू एजुकेशन एक्ट के तहत चयन किया जाता है. चयन के बाद छात्रों को स्कूल का आवंटन किया जाता है, जहां छात्रों को बगैर कोई फीस लिए शिक्षा देने का प्रावधान है, लेकिन जिला मुख्यालय के ब्लासम एकेडमी में राइट टू एजुकेशन एक्ट के तहत चयनित छात्रों के साथ प्रधानाचार्य का व्यवहार नकारात्मक रहता है.
छात्र ने क्या कहा
गुरुवार को डीएम आवास पर पहुंचे छात्र सरफराज अहमद ने बताया कि प्रधानाचार्य के द्वारा फीस की डिमांड की जा रही थी. इसी के चलते उनको परीक्षा में बैठने से रोक दिया है, जबकि परीक्षा से वंचित होने से भविष्य अंधकारमय होने की आशंका है.
अभिभावक ने क्या कहा
अभिवावक दिलीप कुमार ने बताया कि, स्कूल के प्रिंसिपल के द्वारा पिछले कई दिनों से लगातार छात्रों को फीस के लिए धमकाया जा रहा था. ऐसे में गुरुवार को स्कूल पहुंचने पर छात्रों को परीक्षा हाल में जाने से रोक दिया गया. मौके पर पहुंचे बीएसए सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि स्कूल संचालक से वार्ता हुई है. छात्रों और अभिवावकों को समझा बुझाकर वापस स्कूल भेज दिया गया है. साथ ही स्कूल संचालक को कड़ी चेतावनी भी दी गई है.
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