Afghanistan-Taliban Crisis: अफगानिस्तान में तख्तापलट के बाद फैली अराजकता के माहौल में भारत के लोग फंसे हुए हैं. अपनों के अफगानिस्तान में फंसे होने की वजह से परिजन परेशान हैं. परिजन सरकार से मांग कर रहे हैं की उनके अपनों  को सुरक्षित वापस लाया जाए. चंदौली जिले के दीनदयाल उपाध्याय नगर तहसील के अमोघपुर गांव के सूरज चौहान भी काबुल में फंसे हुए हैं. सूरज चौहान जनवरी 2021 में वेल्डर के तौर पर कार्य करने के लिए कबुल गए थे. परेशान परिजन सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि सूरज को सुरक्षित घर लाया जाए. सूरज के साथ ही उत्तर प्रदेश के 17 लोग काबुल में फंसे हुए हैं. 


अफगानिस्तान में फंसे हैं यूपी के 17 लोग 
अफगानिस्तान में तख्तापलट के बाद चारों तरफ अफरातफरी और अराजकता का माहौल है. लोग पलायन के लिए मजबूर हैं और सुरक्षित ठिकानों पर जाने के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं. सबसे बुरा हाल दूसरे देश से अफगानिस्तान में काम करने गए लोगों का है. उत्तर प्रदेश के कुल 17 लोग अफगानिस्तान के काबुल में एक कारखाने में फंसे हुए हैं. 


सुरक्षित वापसी की मांग
चंदौली जिले के दीनदयाल उपाध्याय नगर तहसील के अमोघपुर गांव के सूरज चौहान भी काबुल में फंसे हुए हैं. सूरज चौहान जनवरी 2021 में वेल्डिंग का काम करने के लिए अफगानिस्तान के काबुल गए थे. तख्तापलट के बाद से वो कारखाने में फंसे हुए हैं. इस बीच कारखाने का मालिक भी वहां से फरार हो चुका है. हालांकि, राहत की बात ये है कि सूरज परिजनों के संपर्क में हैं और वीडियो कॉल के माध्यम से बात भी हो रही है. लेकिन, परिजन डरे हुए हैं और सरकार से सूरज की सुरक्षित वापसी की मांग कर रहे हैं. 


उदास और मायूस है परिवार 
सूरज के पिता बुधिराम लकवे की बीमारी से ग्रस्त हैं. बेटे की सुरक्षित वापसी के लिए उनकी आंखों में आंसू हैं. बेबस पिता सरकार की तरफ उम्मीद भरी निगाहों से देख रहे हैं. पत्नी भी उदास और मायूस है. सूरज की शादी 2014 में वाराणसी के हरहुआ गांव में रेखा चौहान से हुई थी. सूरज का 3 साल का बेटा है. पूरा परिवार मांग कर रहा है कि मोदी सरकार जल्द से जल्द सूरज सहित सभी को सुरक्षित वापस ले आए. 



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