Chandauli: कांग्रेस अधिवेशन में तिरंगा ठीक करने के लिए 80 फुट ऊपर चढ़े थे हेडगवार, RSS पर उठे सवाल पर महेंद्र नाथ पांडे ने दिया ये बड़ा बयान
केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडे ने आरएसएस मुख्यालय में तिरंगा फहराने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि संघ हमेशा राष्ट्रभक्त संगठन है और वो तिरंगे को हमेशा सम्मान देता रहा है.
UP News: देश के भारी उद्योग मंत्री केंद्रीय कैबिनेट मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय (Mahendra Nath Pandey) चंदौली के पंड़ित दीनदयाल नगर (Dindayal Nagar) में 'हर घर तिरंगा' कार्यक्रम की शुरुआत की. इस दौरान बीजेपी के कई कार्यकर्ता भी मौजूद थे. मंत्री महेंद्र नाथ चंदौली जिले में संघ के प्रमुख नेता रहे स्वर्गीय गुरु बख्स कपाही के घर पहुंचे और उनके घर पर राष्ट्रध्वज फहराया.
RSS मुख्यालय पर राष्ट्रध्वज फहराने पर यह बोले महेंद्र नाथ
इस दौरान उनसे आरएसएस मुख्यालय पर राष्ट्रध्वज फहराने को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'संघ हमेशा से राष्ट्र भक्त रहा है. हेडगवार जी जब कांग्रेस के क्रांतिकारी नेता रहे थे और बाद में संघ की शुरुआत की थी. एक वाक्या याद आता है कांग्रेस के एक अधिवेशन में तिरंगा उल्टा फहर गया था तो हेडगवार जी ने 80 फिट ऊपर चढ़कर झंडे को सीधा करने का काम किया था. संघ हमेशा राष्ट्रभक्त संगठन है और वो तिरंगे को हमेशा सम्मान देता है.
दीनदयाल उपाध्याय का शव गुरु बख्श कपाही ने ही पहचाना था
पंडित दीनदयाल उपाध्याय का शव आज के दीनदयाल स्टेशन और उस समय के मुगलसराय के रेलवे यार्ड में मिला था. उस वक्त उन्हें गुरु बख्स कपाही ने पहचाना था. चंदौली पहुंचे मंत्री महेंद्र नाथ ने कहा, 'पीएम नरेंद्र मोदी ने जो हर घर तिरंगा का आह्वान किया यह देश में एक जन आंदोलन बन चुका है. उसमें सारे देशवासी समाज के सभी वर्गों के लोग, इस में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं और उस अभियान के तहत आज वरिष्ठ समाजसेवी, राष्ट्रवादी विचार के पुरोधा स्वर्गीय गुरु बख्स कपाही के घर पर मैंने तिरंगा झंडा फहराया.'
महेंद्र नाथ पांडे ने कहा, ''जब पंडित दीनदयाल उपाध्याय का दुर्भाग्यपूर्ण निधन हुआ और उनका शव रेलवे यार्ड में पाया गया था तो सबसे पहले उन्हें पहचानने वाले वही व्यक्ति थे और अटल जी से लेकर के तमाम वरिष्ठ जनों ने हमेशा उनके प्रति आदर व्यक्त किया. मेरा सौभाग्य है कि 1977 में सबसे पहले बीएचयू के छात्र संघ महामंत्री के रूप में दीनदयाल नगर आया था. गुरु बख्स कपाही जी से पहले एक विद्यार्थी रूप में मुलाकात हुई थी.'' उन्होंने आगे कहा कि दुनिया में आज तक किसी देश में अपने राष्ट्र ध्वज को लेकर चलने का रिकॉर्ड नहीं है, जहां सारे देशवासी इतने विश्वास से चलेंगे तो वह देश निश्चित रूप से आगे बढ़ेगा.
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