Chandra Grahan 2022 Sutak Kaal Time: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कई शहरों में चंद्रग्रहण (Chandra Grahan 2022) के कारण मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए हैं. आज गोरखपुर (Gorakhpur), मथुरा (Mathura), कानपुर (Kanpur) और अयोध्या (Ayodhya) के मंदिर बंद दिखे. कानपुर में चंद्र ग्रहण के कारण मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे. इस दौरान यहां श्रद्धालु बाहर से ही पूजा करते दिखे. गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर (Gorakhnath Temple) के पट चंद्र ग्रहण में शाम 5 बजे बंद होंगे. 6:30 बजे श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए फिर से कपाट खोल दिए जाएंगे.


अयोध्या, वृंदावन में भी मंदिर बंद
अयोध्या में सूतक काल से पहले सरयू घाट से मंदिरों तक भक्तों की भारी भीड़ रही लेकिन मंदिर बंद होने से बड़ी संख्या में श्रद्धालु निराश हुए क्योंकि वे मंदिर में जाकर भगवान के दर्शन नहीं कर पा रहे थे. हर कोई सरयू स्नान कर अपने आराध्य के दर्शन की जल्दी में दिखा. चंद्र ग्रहण के कारण आज एक नहीं बल्कि तीन-तीन बार श्रद्धालु सरयू में डुबकी लगाएंगे. 


वृंदावन में आज लगने वाले चंद्रग्रहण के चलते ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के कपाट भी बंद कर दिए गए. श्रद्धालु सुबह 8:00 बजे से मंदिर में दर्शन नहीं कर पा रहे हैं. अब शाम 6.50 पर श्रद्धालुओं का मंदिर में फिर से प्रवेश होगा और शाम 7:30 बजे दर्शन के लिए कपाट खुलेंगे. मथुरा में श्री कृष्ण जन्मस्थान के कपाट सुबह 8 बजे बंद कर दिए गए.


चंद्र ग्रहण होने के चलते ऋषिकेश के सभी मंदिर बंद कर दिए गए हैं. ऋषिकेश के सभी मंदिर पूजा अर्चना के बाद बंद किए गए हैं. सूतक काल लगने के चलते मंदिर सुबह 8 बजकर 20 मिनट पर बंद किए गए. अब सभी मंदिर चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद शाम 6:20 बजे खुलेंगे. 


कौशांबी में भी कपाट बंद
51 शक्तिपीठों में शुमार कौशांबी में कड़ा धाम के शीतला माता मंदिर का कपाट चन्द्र ग्रहण की वजह से सुबह 8 बजे बंद हो गया. अब मंदिर का कपाट भक्तों के लिए शाम 7 बजे खुलेगा. मंदिर प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष उदय प्रकाश पंडा ने बताया कि सनातन धर्म की परंपरा के अनुसार चंद्र ग्रहण की वजह से सूतक लग जाता है. इस दौरान मंदिर में मूर्तियों को स्पर्श करना अशुभ माना जाता है. सूतक लगने के कारण 9 घंटे पहले ही कपाट बंद हो जाते हैं.


क्यों बंद किए जाते हैं मंदिर
बता दें कि कार्तिक मास की पूर्णिमा पर आज यानी मंगलवार 8 नवंबर की दोपहर से चंद्र ग्रहण लग रहा है. यह चंद्रग्रहण भारत में शाम 5.40 बजे से दिखाई देगा. ग्रहण के दौरान सभी तरह के धार्मिक अनुष्ठान और पूजा-पाठ नहीं होते हैं. इस दौरान मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं. यह परंपरा आज भी निभाई जाएगी. ऐसा माना जाता है कि ग्रहण के दौरान असुरीय शक्तियों का प्रभाव बढ़ जाता है और दैवीय शक्तियों का प्रभाव कम हो जाता है. इस दौरान लोग कुछ खाते पीते भी नहीं हैं और ज्यादातर लोग घरों के अंदर ही रहते हैं. घरों के अंदर बने पूजा घर को भी ढंक या बंद कर दिया जाता है.


गौरतलब है कि आज सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीध में आएंगे. भारत में चंद्र ग्रहण की शुरुआत दोपहर 2.39 से हो जाएगी और यह अपनी पूर्ण अवस्था में दोपहर 3.46 से शुरू होगी. शाम 5.12 पर चंद्र ग्रहण पूर्ण अवस्था में आ जाएगा और शाम 6.12 पर समाप्त होगा. 


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