'वह फांसी घर में हैं, जेल कोई खुशी की जगह नहीं', आजम खान से मुलाकात के बाद बोले चंद्रशेखर आजाद
Chandra Shekhar Aazad News: नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि राजनीतिक बदले के लिए ये सब हुआ है ये किसी से छिपा हुआ नहीं है. सरकर से कहना चाहता हूं कि इस तरह का व्यवहार लोकतंत्र में ठीक नहीं.
Chandra Shekhar Aazad Meet Azam Khan: : आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद उत्तर प्रदेश में स्थित सीतापुर पहुंचे. नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान से मिलने के लिए सीतापुर जेल पहुंचे. आजम खान से मुलाकात के बाद चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि वह फांसीघर में हैं और मैं उनके दीर्घायु होने की कामना करता हूं. जेल कोई खुशी की जगह नहीं है, वहां अच्छी व्यवस्थाएं नहीं है.
आजम खान से मुलाकात के बाद चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि उत्तर प्रदेश के नहीं देश के बड़े नेता हैं, मेरी उनसे मित्रता है उनका हमेशा सहयोग मुझे मिला है. आज वह तकलीफ में हैं दुख में हैं, छोटा भाई होने के नाते मेरी जिम्मेदारी है मैं दुख में किसी का साथ नहीं छोड़ता. चुनावी के बाद फ्री हुआ हूं तो उनसे मिलने आया हूं, उनके हालचाल जानने कि वह किस हालात में हैं.
लोकतंत्र में सत्ता आती-जाती रहती हैं- चंद्रशेखर आजाद
नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि जिस तरह से राजनीतिक बदले के लिए ये सब हुआ है ये किसी से छिपा हुआ नहीं है. सरकर से कहना चाहता हूं कि इस तरह का व्यवहार लोकतंत्र में अच्छा नहीं है. लोकतंत्र में सत्ता आती-जाती रहती हैं, अगर आप ये कर रहे हैं तो अगर आप में झेलने की हिम्मत हो तो आप करें. मैं उनकी लड़ाई को सड़क से संसद तक लड़ूंगा उन्हें अकेला नहीं छोड़ूंगा.
अखिलेश यादव के सवाल पर बचते आए नजर
वहीं चंद्रशेखर आजाद से जब पूछा गया कि आप लगातार आजम खान के परिवार से मिल रहे हैं, सपा मुखिया अखिलेश यादव सीतापुर नहीं आ रहे हैं. इस पर अखिलेश यादव ने कहा कि किसी से मिलना कोई अपराध तो नहीं है, वह अपनी ड्यूटी कर रहे हैं मैं अपनी ड्यूटी कर रहा हूं. मेरे पारिवारिक रिश्ते मैं निभा रहा हूं मुझे निभाना आता है.
लोकतंत्र की अस्मिता को लूट रहे पुलिस वाले- चंद्रशेखर आजाद
वहीं यूपी उपचुनाव को लेकर नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि चुनाव पर जो मैंने सवाल खड़े किए उस पर चुनाव आयोग ने मुहर लगाई और 7 लोगों को सस्पेंड किया. उन्हें सस्पेंड इसलिए किया कि वह अपराध कर रहे थे, लोकतंत्र की हत्या कर रहे थे, लोकतंत्र की अस्मिता को लूट रहे थे. किसके इशारे पर लूट रहे थे इसका जवाब सरकार को देना होगा.
(सीतापुर से पंकज सिंह गौर की रिपोर्ट)