चंद्रशेखर आजाद ने यूपी सरकार के इस फैसले पर उठाए सवाल, बताया- 'कौन है खतरे में..?'
Chandra Shekhar Azad: नगीना से सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने कहा कि "बंटेंगे तो कटेंगे" की बात कह कर BJP वाले शिक्षा की जड़ों को काट रहे है. इन स्कूलों में बहुजन समाज के बच्चे ही पढ़ते हैं.
Chandra Shekhar Azad: उत्तर प्रदेश की नगीना लोकसभा सीट से सांसद और आज़ाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद ने यूपी में 27 हजार बेसिक स्कूलों के विलय की तैयारियों को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा है. उन्होंने इसे बहुजन समाज पर प्रहार बताया और कहा कि आज हिन्दू धर्म नहीं बल्कि शिक्षा खतरे में है.
चंद्रशेखर आजाद ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लंबी चौड़ी पोस्ट लिखकर सरकार के फैसले पर सवाल उठाए. उन्होंने लिखा- 'भाजपा की केंद्र वाली मोदी सरकार द्वारा देश भर में वर्ष 2018-2020 के बीच 51108 सरकारी स्कूल बंद करने के सफल परीक्षण के बाद अब भाजपा की उत्तर प्रदेश वाली योगी सरकार 27 हजार बेसिक स्कूल बंद शीघ्र बंद करने का फैसला सिर्फ शिक्षा पर नहीं, बल्कि बहुजन समाज के हौसलों पर भी प्रहार है. यह फैसला शिक्षा की नींव पर वार है, उस अधिकार पर वार है, जिसे परम पूज्य बाबा साहब ने हमारे लिए हासिल किया था.
बेसिक स्कूलों के विलय के फैसले पर उठाए सवाल
परम पूज्य बाबा साहब ने कहा था कि 'शिक्षा शेरनी का वो दूध है जो पीयेगा वह दहाडेगा.' भाजपा सरकार को यही डर है कि अगर बहुजन समाज का हर बच्चा शिक्षित हुआ, तो वह अन्याय के खिलाफ खड़ा होगा, दहाड़ेगा, और बराबरी का हक मांगेगा. इसीलिए, "बंटेंगे तो कटेंगे" की बात कह कर भाजपा वाले हमारी शिक्षा की जड़ों को काट रही है. क्योंकि इन सरकारी स्कूलों में पढ़ता कौन है, बहुजन समाज के बच्चे.
तथाकथित हिन्दू धर्म नही, हमारी शिक्षा खतरे में हैं. भाजपा सरकार षड्यंत्र करके हमारी रीढ़ को कमजोर कर रही है. लेकिन हम यह याद दिलाना चाहते हैं: "पढ़ेंगे तो आगे बढ़ेंगे, साथ-साथ चलेंगे!"
बता दें कि यूपी में जल्द ही 27 हजार बेसिक स्कूल बंद किए जा सकते हैं. इनमें वो स्कूल शामिल हैं जिनमें छात्रों की संख्या 50 से कम है. इन स्कूलों को पास के दूसरे स्कूल में विलय कर दिया जाएगा. इसके लिए ऐसे स्कूलों को चिन्हित किया जा रहा है. जल्द ही इसे लेकर बेसिक शिक्षा विभाग के साथ विशेष बैठक होगी. जिसके बाद इस पर आगे फैसला हो सकता है.