UP Lok Sabha Election 2024: केंद्र की सत्ता के लिए यूपी की सियासत बेहद अहम मानी जाती है. उत्तर प्रदेश ने देश को सर्वाधिक प्रधानमंत्री दिया है. कहा भी जाता है कि दिल्ली का रास्ता उत्तर प्रदेश से ही होकर गुजरता है और उसमें पूर्वांचल का सबसे महत्वपूर्ण योगदान है. पूर्वांचल की तकरीबन 12 सीटों पर अनेक नेताओं ने ऐसे कीर्तिमान स्थापित किए हैं जो स्पष्ट इशारा करते हैं की लोकसभा चुनाव में जनता जनार्दन का उन्हें भरपूर समर्थन मिला है. सबसे कम अंतर से जीत हासिल करने का रिकॉर्ड पूर्वांचल में देखा जाए तो 2019 लोकसभा चुनाव में ही पूर्वांचल की चर्चित मछलीशहर लोकसभा सीट से बीएसपी के त्रिभुवन राम की मात्र 181 वोट से हार हुई थी, उनके सामने बीजेपी के बीपी सरोज थे.


वहीं पूर्वांचल के 12 सीट के चुनावी परिणाम पर नजर डालें तो अब तक के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी ने सर्वाधिक वोटो से जीत हासिल की है. 2019 लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी ने 63 फ़ीसदी से अधिक वोट प्राप्त करते हुए 4,79,505 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी. वहीं दूसरी तरफ सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने 2019 में ही बीजेपी के दिनेश लाल यादव निरहुआ को आजमगढ़ की सीट पर 2,59, 874 वोटो से हराकर पूर्वांचल की दूसरी सबसे बड़ी जीत हासिल की थी. तीसरे नंबर पर अपना दल की अनुप्रिया पटेल रही जिन्होंने 2,32,008 वोटो से 2019 लोकसभा चुनाव में मिर्जापुर सीट से जीत हासिल की थी.


8 बार सर्वाधिक सांसद रहने का रिकॉर्ड 
पूर्वांचल से सर्वाधिक बार निर्वाचित होने वाले सांसदों की सूची पर नजर डालें तो बलिया की धरती के रहने वाले देश के पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर 1977 से 1991 तक के बीच में बलिया से रिकॉर्ड 8 बार सांसद निर्वाचित हुए हैं. इसके अलावा बलिया के चंद्रशेखर ने सीधे सांसद से प्रधानमंत्री बनने तक का सफर तय किया है. लालगंज से रामधन 6 बार, आजमगढ़ से रमाकांत यादव, चंद्रजीत यादव 4-4 बार, घोसी से कल्पनाथ राय 4 बार जबकि अब तक वाराणसी से सर्वाधिक रघुनाथ सिंह 3 और शंकर प्रसाद जायसवाल ने भी 3 बार लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की है.


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