Chandrashekhar Azad Attack: चंद्रशेखर पर हमले के बाद भीम आर्मी-ASP कार्यकर्ताओं में गुस्सा, कहा- 'खुद चंदा जमा कर देंगे सुरक्षा'
Chandrashekhar Azad Attacked: आजाद समाज पार्टी के नेता पवन गुर्जर ने कहा कि हम सब तरह के हथकंडे अपनाना जानते हैं, अगर सुरक्षा नहीं दी जाएगी तो चंद्रशेखर आजाद का जो आदेश होगा वो किया जाएगा.
UP News: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर (Saharanpur) में भीम आर्मी (Bhim Army) के संस्थापक और आजाद समाज पार्टी (Azad Samaj Party) के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद (Chandrashekhar Azad) पर हुए हमले के बाद कार्यकर्ताओं में आक्रोश है. गुरुवार को मेरठ (Meerut) में भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर यूपी सरकार (UP Government) को जिला प्रशासन के जरिए एक ज्ञापन दिया. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने मांग की कि चंद्रशेखर आजाद को कड़ी सुरक्षा दी जाए. साथ ही हमला करने वालों को जल्द गिरफ्तार कर सख्त से सख्त सजा दी जाए.
भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो वे सड़कों पर उतरेंगे और प्रदर्शन करेंगे और जेल जाने से भी पीछे नहीं रहेंगे. कार्यकर्ताओं ने कहा कि अगर उनके पार्टी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद के लिए सुरक्षा इंतजाम नहीं किए गए तो वह खुद सभी कार्यकर्ता चंदा इकट्ठा कर प्रदेश सरकार को देंगे और सुरक्षा व्यवस्था देने के लिए कहेंगे.
'चंद्रशेखर देश के बहुजनों का बड़ा चेहरा'
इस दौरान आजाद समाज पार्टी के जिला अध्यक्ष पवन गुर्जर ने बताया कि देश में बहुजनों के सबसे बड़े नेता चंद्रशेखर आजाद पर कुछ असामाजिक तत्वों ने जानलेवा हमला किया है. हम लोग उन दोषियों पर कार्रवाई और गिरफ्तारी के साथ-साथ चंद्रशेखर आजाद को सुरक्षा मुहैया कराने की मांग करते हैं. वे इस देश के बहुजनों का एक बड़ा चेहरा हैं, देश के करोड़ों जो बहुजन हैं, दलित हैं, पिछड़े हैं, अल्पसंख्यक हैं, उनकी आवाज हैं. इसलिए सत्तारूढ़ और कुछ ऐसे लोग घबरा गए हैं कि एक बड़ा चेहरा चंद्रशेखर आजाद बन गए हैं.
पवन गुर्जर ने आगे कहा, "मैं प्रदेश के मुख्यमंत्री से ये पूछना चाहता हूं कि जिस तरह से वो ठोको प्रणाली अपराधियों पर अपनाने की बात करते हैं, जो बताते हैं कि ठोको प्रणाली मैंने लागू कर रखी है और अपराधियों को ठोकने का काम कर रखा है, अब मैं देखूंगा कि उन अपराधियों को प्रदेश के मुखिया किस हिसाब से ठोकते हैं, जिन्होंने इस देश के इतने बड़े नेता पर हमला किया है जो विश्व में प्रख्यात हैं. हमने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देकर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं, सुरक्षा की मांग कर रहे हैं, अन्यथा हम लोग कहीं भी किसी रूप में आज देश-विदेश, जिले और ब्लॉक में कमजोर नहीं हैं."
'भीम आर्मी सड़कों को जाम करने से नहीं डरती'
जिला अध्यक्ष ने कहा कि हम सब तरह के हथकंडे अपनाना जानते हैं, अगर सुरक्षा नहीं दी जाएगी तो जो राष्ट्रीय अध्यक्ष का जो आदेश होगा वो किया जाएगा. भीम आर्मी न सड़कों को जाम करने से डरती है, न धरना-प्रदर्शन करने से डरती है और न ही जेल भरो आंदोलन से डरती है. हम लोग इस देश में अपने नेता जो आज गरीबों शोषितों और वंचितों की लड़ाई लड़ रहा है, उस पर जानलेवा हमला हुआ है.
गुर्जर ने कहा कि हम लोग आजाद समाज पार्टी और भीम आर्मी का एक-एक कार्यकर्ता अपने ऊपर और छाती पर सरकार का बुलडोजर चलवाने के लिए पूरी तरह से तैयार है. सरकार बुलडोजर मंगा ले और एक-एक करके हमारे ऊपर चढ़ा दे, हमें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन हम अपने नेता के साथ इस तरह की घटना को कतई किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं करेंगे. हमला बढ़ती हुई लोकप्रियता से हुआ है, कुछ लोग घबरा गए हैं जो ये प्री प्लानिंग से साजिश रची गई है और ये हमला किया गया है.
अपने नेता के न्याय के लिए अंतिम सांस तक लड़ेंगे- विजेन्द्र
वहीं भीम आर्मी के नेता चतर सिंह जाटव का कहना है कि जो आदमी न्याय और हक की लड़ाई को बहुजन समाज के साथ-साथ सभी वर्ग के लिए लड़ने का काम कर रहा है तो इस सरकार का दायित्व बनता है कि उसकी सुरक्षा का और उसका विशेष ध्यान रखा जाए. अगर प्रदेश सरकार जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा का खर्चा झेल नहीं सकती तो पूरा बहुजन समाज चंदा इकट्ठा करके चंद्रशेखर की सुरक्षा के लिए तैयार खड़ा है और मुख्यमंत्री को पैसा देने को भी तैयार है.
इसके अलावा भीम आर्मी के मेरठ जिलाध्यक्ष विजेन्द्र ने बताया कि चंद्रशेखर पर जिन लोगों ने हमला किया है, मैं उन लोगों को बताना चाहता हूं कि उसकी कौम के लोग इतने कमजोर नहीं हैं जो अपने नेता की सुरक्षा न कर सकें, लेकिन हम प्रशासन से ये गुहार भी लगाते हैं कि उन्हें जेड प्लस की सुरक्षा दी जाए क्योंकि जब इस देश के अंदर बागेश्वर बाबा को सुरक्षा दी जा सकती है तो बहुजन नेता को क्यों नहीं दी गई. अगर ये चाहते हैं कि बहुजन समाज के लोग आज चुप हो चुके हैं तो ये उनकी गलतफहमी है, अगर हमारी मांगों को नहीं माना गया तो हम जेलों से भी नहीं डरते हैं. यहां के जेलें भी कम पड़ जाएंगी. यहां की सड़कें भी कम पड़ जाएंगी, हम अपने नेता के न्याय के लिए अंतिम सांस तक लड़ेंगे.
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