'सर्वें के दौरान धार्मिक नारे क्यों, देश की छवि हो रही खराब..', संभल हिंसा पर बोले चंद्रशेखर आजाद
Chandrashekhar Azad News: नगीना सांसद ने कहा जिस तरह से कभी किसी धार्मिक स्थल पर अपना अधिपत्य दिखाने की कवायद चल रहा है वो देश के लिए ठीक नहीं है. इससे देश को नुकसान हो रहा है.
Chandrashekhar Azad News: यूपी की नगीना सीट से सांसद और आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद ने संभल हिसा को लेकर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि सँभल में पुलिस, प्रशासन और सरकार तीनों का फेलियर है. इस घटना के जरिए कई अहम मुद्दों को दबाने की कोशिश की गई है. ताकि ईवीएम, चुनावों में गड़बड़ी और अडानी जैसे मुद्दों को दबाया जा सके.
नगीना सांसद ने कहा कि लोकसभा में संभल का विषय उठना चाहिए, चार लोगों की जान गई है. चारों गरीब परिवार से थे. हिंसा किसी चीज का हल नहीं है मैं हिंसा का समर्थन नहीं करता लेकिन हर हिंसा के पीछे कोई न कोई कारण होता है जिसे जानना जरूरी है. जिस तरह से लगातार कभी किसी धार्मिक स्थल पर या कभी धार्मिक स्थल पर अपना अधिपत्य दिखाने की क़वायद चल रहा है वो देश के लिए ठीक नहीं है. देश में नफरत फैलाएगी और देश को नुकसान करेगी.
कई अहम मुद्दों को दबाने की कोशिश
चंद्रशेखर ने कहा कि अब ये रोज नया-नया कभी ज्ञानवापी कभी संभल ये सब करके देश के मुख्य मुद्दों से ध्यान भटकाया जा रहा है. जिनकी जान गई है उसकी जांच होनी चाहिए. ताकि पता चले कि किसकी गोली से चार लोगों की जान गई है. लगातार जिस तरह धार्मिक नारे लगे, अगर सर्वे के लिए जा रहे हैं तो उस दौरान नारे लगाने का क्या मतलब है. ये एक तरह से लोगों को उकसाना ही है.
#WATCH | Delhi: On #Parliamentwintersession, Azad Samaj Party's National President Chandrashekhar Azad says, "The violence in Sambhal is a major issue, 4 people have lost their lives and this issue should be raised in the Parliament. Violence is not the solution to anything. I do… pic.twitter.com/AZbqnLN7l0
— ANI (@ANI) November 25, 2024
उन्होंने कहा कि इन घटनाओं से देश की छवि जो खराब हो रही है उसका जवाब कौन देगा. पुलिस प्रशासन और सरकार तीनों को फेलियर है. ये देश के लिए अच्छा नहीं हैं. संविधान की मर्यादा से काम हो. गोली से नहीं, बात से सबकी सुनवाई है. इस मामले में दूसरे पक्ष को सुना ही नहीं गया, बहुत सारी बातें ऐसी है जिन पर दबाने की कोशिश की जा रही है. इसमें ईवीएम का मसला है. चुनाव में जो लोकतंत्र की हत्या हुई वो भी मामला है और अडानी का मुद्दा है जिससे हटाने की कोशिश हुई.
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