Chandra Shekhar Azad: सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में बुलडोजर की कार्रवाई पर सख्त रवैया अपनाते हुए रोक लगा दी है. कोर्ट ने एक अक्टूबर तक देशबर में बुलडोजर पर रोक लगाई है. इसके साथ ही इसके महिमामंडन को भी बंद करने के आदेश दिए हैं. जिस पर आज़ाद समाज पार्टी के अध्यक्ष और नगीना सीट से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने प्रतिक्रिया दी और कहा कि ये फैसला तानाशाही रोकने वाला है.
चंद्रशेखर आज़ाद ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा, 'मैं, भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) भाजपा की सस्ती लोकप्रियता वाली बुलडोजर नीति के धुर विरोधी रहे. इससे कार्यपालिका द्वारा संविधान में वर्णित "शक्ति के पृथक्करण सिद्धान्त" का अतिक्रमण होता हैं और साथ ही "नागरिकों के संपत्ति के वैधानिक अधिकार" का अतिक्रमण भी.'
चंद्रशेखर आजाद ने दी प्रतिक्रिया
उन्होंने कहा- 'हमने कभी भी, किसी भी मामले में किसी पर "बुलडोजर की कार्यवाही" की माँग नहीं की. हम अवसरवादी नहीं हैं. न्याय-अन्याय की लड़ाई जाति-धर्म से ऊपर उठकर लड़ते हैं. माननीय उच्चतम न्यायालय का फैसला तानाशाही को रोकने वाला है. हम फैसले का स्वागत करते हैं.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर की कार्रवाई पर रोक लगाते हुए कहा अगले आदेश तक कोर्ट की इजाजत के बिना किसी निर्माण को नहीं गिराया जाएगा. जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने जमीयत उलेमा एक हिंद की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया. कोर्ट ने राज्य सरकारों को बुलडोज़र की कार्रवाई पर निर्देश देते हुए कहा कि इसका महिमांडन बंद होना चाहिए. क़ानूनी प्रक्रिया के तहत की अतिक्रमण हटाया जाए.
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अखिलेश यादव ने भी किया स्वागत
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का सभी विपक्षी दलों ने भी स्वागत किया है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कोर्ट ने बुलडोज़र को ही नहीं बल्कि बुलडोज़र की राजनीति को भी किनारे लगा दिया. आज बुलडोजर के पहिये खुल गए और स्टीयरिंग हत्थे से उखड़ गया है. ये उनके लिए पहचान का संकट है जिन्होंने बुलडोजर को अपना प्रतीक बना लिया था.