UP Assembly Election 2022: आजाद समाज पार्टी और भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद ने आज सामाजिक परिवर्तन मोर्चे का ऐलान किया. इस मोर्चे में आजाद समाज पार्टी समीर 35 छोटे घटक दल शामिल है. चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि हम सभी मिलकर 403 विधानसभाओं पर चुनाव लड़ेंगे. अखिलेश यादव के सामने हम कोई प्रत्याशी नहीं उतारेंगे क्योंकि हम चाहते हैं कि भाई चुनाव जीतकर लखनऊ पहुंचे और अपनी बात मजबूती के साथ विधानसभा में रखें. साथ ही उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में इस बार मुख्यमंत्री हमारे मोर्चे के समर्थन के बगैर नहीं बनेगा.
चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि वह अपनी पार्टी से किसी श्रवण को टिकट नहीं देंगे लेकिन अगर कोई घटक दल किसी श्रवण को टिकट देता है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी. चंद्र शेखर आजाद ने कहा कि योगी सरकार गरीब, दलित, वंचित, शोषित और पिछड़ों की उपेक्षा हुई है. यही वजह है कि आजाद समाज पार्टी उन सभी गरीब दलित वंचित शोषित पिछड़ों को लेकर 2022 के चुनाव मैदान में उतर रही है और इस बार जनता हमारे साथ है हमारे साथ नेता भले ना हो लेकिन जनता हमें समर्थन दे रही है. चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने चुनाव लड़ेंगे. आज वह गोरखपुर कार्यकर्ताओं से वर्चुअल संवाद करेंगे और 3 दिन में उन्हें गोरखपुर में एक्टिव कर देंगे साथ ही जल्द ही वो गोरखपुर पहुंचेंगे और अपने चुनाव प्रचार की शुरुआत करेंगे.
चंद्रशेखर आजाद ने कही ये बात
चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि मुख्यमंत्री के सामने वह चुनाव इसलिए लड़ रहे हैं क्योंकि आज जनता इस सरकार से भारतीय जनता पार्टी से नाराज है और जो जनता इस सरकार से नाराज है वह चंद्रशेखर के साथ है इसलिए उठ जनता को करना है और जब जनता हमारे साथ है तो चुनाव भी हमी जीतेंगे. चंद्रशेखर आजाद ने एबीपी गंगा से खास बातचीत के दौरान कहा कि इस सरकार में जिन लोगों की उपेक्षा हुई वह आप ही हमारे साथ हैं और हम इन सभी को लेकर 2022 का चुनाव लड़ेंगे और यह मोर्चा 2024 में भी किसी मजबूती के साथ चुनाव लड़ेगा.
अखिलेश यादव पर सवाल पूछने पर दिया ये जवाब
अखिलेश यादव पर सवाल पूछने पर चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि अखिलेश यादव से उनकी कोई लड़ाई नहीं है. समाजवादी पार्टी को 2022 में सरकार बनाने के लिए आजाद समाज पार्टी का सहयोग चाहिए तो वह सहयोग देंगे. लेकिन 2022 में कुछ ऐसा ही होने वाला है, जिसमें आजाद समाज पार्टी को ही समर्थन ना देना पड़ जाए. अखिलेश यादव को लेकर चंद्रशेखर आजाद के दिल में कहीं न कहीं सॉफ्ट कॉर्नर जरूर है. यही वजह है कि वो ना तो अखिलेश यादव के खिलाफ अपना कोई प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतार रहे और ना ही उनके खिलाफ कुछ बोलने को तैयार हैं. लेकिन समाजवादी पार्टी से गठबंधन ना होने का मलाल उन्हें जरूर है. यही वजह है कि वह बार-बार कह रहे हैं कि बड़े दलों से गठबंधन करने का दर्द उन्होंने झेला है. इसलिए अब वह उन दलों को साथ ले रहे हैं जो गांव में शहरों में काम कर रहे हैं. लेकिन वह सरकार और राजनीतिक दलों से उपेक्षित हुए हैं.
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