नई दिल्ली, एबीपी गंगा। श्रीहरिकोटा से मिशन चंद्रयान-2 का सफल प्रक्षेपण हो गया है। मिशन की सारी तैयारियां पूरी होनेके बाद दोपहर 2:45 बजे चंद्रयान-2 को लॉन्च कर दिया गया। चंद्रयान-2 की चांद के दक्षिणी धुव्र पर लैंडिंग होगी, जो चांद की मिट्टी की जांच करेगा और चांद के वातावरण की भी रिपोर्ट देगा। बता दें कि इससे पहले 15 जुलाई को चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग होनी थी, लेकिन तकनीकी खामी के चलते कॉन्चिंग को टालना पड़ा था।
बता दें कि भारत के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है, क्योंकि करीब 11 साल बाद इसरो दोबारा चांद पर भारत का परचम लहराने जा रहा है। अगर लॉन्चिंग सफल रही, तो भारत चांद की दक्षिणी सतह पर उतरने वाला दुनिया का पहला देश बना जाएगा। चांद के इस हिस्से की दुनिया को ज्यादा कोई जानकारी नहीं है, ऐसे में भारत के लिए ये पल बेहद खास है।
ये भारत का दूसरा चंद्रयान मिशन है। इससे पहले साल 2008 में भारत ने चंद्रयान-1 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था। इसको के मुताबिक, चंद्रयान-2 चांद के भौगोलिक वातावरण, उसके वायुमंडल की बाहरी परत, खनिज तत्वों और चांद पर पानी की उपलब्धता की जानकारी एकत्र करेगा।
इसरो ने कहा है कि चंद्रयान-2 को चंद्रमा पर उतरने में 54 दिन लगेंगे। इसरो के अनुसार चंद्रयान-2 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरेगा, जहां वह इसके अनछुए पहलुओं को जानने का प्रयास करेगा। इससे 11 साल पहले इसरो ने पहले सफल चंद्र मिशन चंद्रयान-1 का प्रक्षेपण किया था जिसने चंद्रमा के 3,400 से अधिक चक्कर लगाए और 29 अगस्त, 2009 तक 312 दिनों तक काम करता रहा।