Chandrayaan 3 Moon Landing: भारत के महत्वकांक्षी मिशन मून ने अंतरिक्ष में इतिहास रच दिया है. इसरो ने सफलतापूर्वक चांद की सतह पर चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग कराई. चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग से भारत दुनिया का पहला देश बना गया. भारत की ऐतिहासिक सफलता पर लोगों में जबरदस्त उत्साह है. चंद्रयान 3 की सफलता में यूपी के उन्नाव (Unnao) का खास कनेक्शन है. उन्नाव के युवा वैज्ञानिक आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) ने मिशन चंद्रयान-3 में अहम भूमिका निभाई.


चंद्रयान-3 की सफलता में उन्नाव का कनेक्शन


आशीष के कंधे पर लैंडर प्रोपल्शन सिस्टम को विकसित करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी थी. उन्होंने विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स और थ्रॉटलिंग वाल्वों के विकास में सहायता की. युवा वैज्ञानिक की शैक्षिक पृष्ठभूमि काफी प्रेरणादायक है. उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा सेंट लॉरेंस और सेंट जूड्स स्कूल से की. स्कूल में पढ़ाई के दौरान आशीष ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण को धार दी. स्कूली पढ़ाई खत्म कर आशीष ने उच्च शिक्षा के लिए आईआईटी बॉम्बे का रुख किया. उन्होंने आईआईटी बॉम्बे से मास्टर्स की डिग्री हासिल की. आशीष का परिवार विकास कॉलोनी में रहता है. बेटे की सफलता से परिजनों में खुशी की लहर है. युवा वैज्ञानिक के घर पर बधाई देनेवालों का तांता लगा हुआ है.




आशीष मिश्रा के कंधों पर थी महत्पूर्ण जिम्मेदारी


परिवार में मां प्रतिमा मिश्रा और भाई मनीष मिश्रा हैं. प्रतिमा मिश्रा रिटायर्ड टीचर हैं. परिवार ने आशीष का कदम कदम पर साथ दिया. उनके सपनों को पूरा करने में हर संभव मदद की. बेटे की सफलता पर रिटायर्ड मां गदगद हैं. चंद्रयान-3 की सफलता के बाद घर में जश्न का माहौल है. प्रतिमा मिश्रा ने कहा कि बेटे का तोहफा परिवार के लिए पूंजी है. उन्होंने कहा कि देश का नाम रोशन करनेवाले बेटे पर गर्व है. चंद्रयान-3 की टीम में शामिल बेटे का सहयोग रहा है. चंद्रयान-3 की लैंडिंग के बाद बेटे से थोड़ी देर बात हुई थी. उसने बताया कि सफलतापूर्वक लैंडिंग का सपना पूरा हुआ. बेटे का सपना पूरा होना हर मां-बाप का सपना होता है. 


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