UP News: केंद्र सरकार उत्तर प्रदेश के 9 वीवीआईपी नेताओं की सुरक्षा में बड़ा बदलाव कर सकती है. यह दावा एक एजेंसी की रिपोर्ट में किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि यूपी के वीवीआईपी नेताओं की सुरक्षा में बदलाव हो सकता है. पीटीआई के अनुसार सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय के तहत आने वाले इस महत्वपूर्ण विषय की समीक्षा जल्द ही किये जाने की उम्मीद है और विभिन्न राजनीतिक हस्तियों, पूर्व मंत्रियों, सेवानिवृत्त नौकरशाहों तथा कुछ अन्य लोगों को दिया गया सुरक्षा कवर या तो वापस ले लिया जाएगा, घटाया जाएगा या बढ़ा दिया जाएगा।


सूत्रों ने बताया कि यह भी निर्णय लिया गया है कि अति विशिष्टि व्यक्तियों (वीआईपी) की सुरक्षा ड्यूटी से ‘ब्लैक कैट’ कमांडो को पूरी तरह से हटाने के काफी समय से लंबित प्रस्ताव को अब लागू किया जाएगा और सभी नौ व्यक्तियों की ‘जेड-प्लस’ श्रेणी की सुरक्षा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की वीआईपी सुरक्षा इकाई को सौंपी जाएगी.


उन्होंने बताया कि इसी तरह से सीमा की पहरेदारी करने वाले बल भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के कर्मियों द्वारा कुछ वीआईपी को दी जा रही सुरक्षा सीआरपीएफ या केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की वीआईपी सुरक्षा इकाई विशेष सुरक्षा समूह (एसएसजी) को सौंपी जा सकती है.


VVIP सिक्योरिटी में क्या बदलाव होंगे?
इससे पहले न्यूज़ 18 की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा गारद यानी एनएसजी की रिस्ट्रक्चरिंग के तहत वीवीआईपी नेताओं की सुरक्षा में ब्लैक कैट कमांडो की संख्या कम करने का फैसला कर सकती है. एनएसजी से अलग सीआरपीएफ को वीवीआईपी नेताओं की सुरक्षा मिलने की संभावना है. वीआईपी सुरक्षा विंग पर पहले से ही काम हो रहा है. हाल ही में संसद से हटाए गए पार्लियामेंट ड्यूटी ग्रुप (पीडीजी) को सीआरपीएफ के वीवीआईपी विंग में शामिल किया जा सकता है.


रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इन पर नौ वीवीआईपी की सुरक्षा की जिम्मेदारी होगी. इन VVIPs को एनएसजी कवर मिला हुआ है. इन जवानों की जरूरतों को पूरा करने के लिए इस खास विंग को और जगहों पर दफ्तर और अन्य इक्विपमेंट्स की आवश्यकता है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, बीएसपी प्रमुख मायावती और छह अन्य वीवीआईपी नेताओं को एनएसजी सुरक्षा मिली हुई है.


अयोध्या में ही NSG सेंटर क्यों खोलना चाहती है सरकार? सामने आई ये वजह