Char Dham 2022 News: उत्तराखंड में केदारनाथ धाम यात्रा को सुव्यवस्थित ढंग से संचालित करने को लेकर पुलिस प्रशासन मुस्तैदी से जुट गया है. केदार यात्रा में पुलिस की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. इस भूमिका को बेहतर तरीके से संचालित करने को लेकर इस बार नये प्लान बनाये गये हैं, जिससे तीर्थयात्रियों को जाम की समस्या से निजात मिलने के साथ ही उन्हें त्वरित गति से सहायता भी प्रदान की जायेगी. साथ ही पुलिस फोर्स को यात्रा मार्गों पर तैनात कर दिया गया है. सेवा संस्थाओं से बैठक कर उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये हैं. इसके अलावा केदारनाथ में सीसीटीवी कैमरों की मदद से हर गतिविधि पर भी पुलिस की नजर बनी रहेगी.
यात्रा में कितने फोर्स की होगी तैनाती?
बता दें कि इस वर्ष यात्रा काल में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के दृष्टिगत पर्याप्त संख्या में पुलिस कार्मिकों की तैनाती की गयी है. यात्राकाल अवधि में रुद्रप्रयाग से लेकर केदारनाथ धाम तक तीन पुलिस उपाधीक्षक, पांच निरीक्षक, दो यातायात निरीक्षक, 26 उपनिरीक्षक, दो महिला उपनिरीक्षक, 250 आरक्षी व 45 महिला आरक्षी, 11 सेक्शन पीएसी, 70 होमगार्ड, 200 पीआरडी और पर्याप्त संख्या में एलआईयू, फायर व संचार कार्मिक नियुक्त किए गए हैं.
केदारनाथ धाम में जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए क्या है व्यवस्था?
पुलिस प्रशासन ने इस वर्ष अलग प्रकार का यातायात प्लान बनाया गया है. सोनप्रयाग एवं सीतापुर स्थित पार्किंग के भर जाने की स्थिति में सीतापुर से फाटा, गुप्तकाशी, बांसवाड़ा ग्राउण्ड पर राष्ट्रीय राजमार्ग के अपेक्षाकृत चौड़े हिस्सों को अस्थायी पार्किंग के लिए चिन्हित किया गया है. जहां पर वाहनों को कुछ समय के लिए रोका जायेगा, ताकि, यातायात व्यवस्थित रूप से चले.
दो वैकल्पिक मार्गों को भी किया गया चयनित
गौरीकुण्ड के कुंड से सोनप्रयाग के बीच तीन जोन एवं सात सेक्टर में बांटकर आवश्यकतानुसार पुलिस बल की तैनाती की गयी है. यातायात संचालन के लिए दो निरीक्षकों, चार उपनिरीक्षकों सहित पर्याप्त संख्या में नागरिक पुलिस, सशस्त्र पुलिस, यातायात पुलिस, होमगार्ड, पीआरडी के पुरुष एवं महिला जवानों की तैनाती की गयी है. चिन्हित किये गये स्थायी एवं अस्थायी पार्किंग स्थलों पर आवश्यक व्यवस्थाएं उपलब्ध कराये जाने के संबंध में जिला प्रशासन से अपेक्षित सहयोग भी मांगा गया है.
साथ ही अत्यधिक यातायात बढ़ जाने की दशा में कुंड से गुप्तकाशी तक दो वैकल्पिक मार्गों को भी चयनित किया गया है. भीरी से गिंवाड़ी पुल होते हुए लमगौंडी तिराहा से गुप्तकाशी तक जाने तथा वापसी में कालीमठ तिराहे से चुन्नी बैंड कुंड होते हुए चोपता बद्रीनाथ की ओर जाने वाले यात्री डायवर्ट होंगे. रुद्रप्रयाग की ओर जाने वाले यात्री मुख्यमार्ग पर आ जायेंगे. इन दोनों मार्गों को दुरुस्त किये जाने के लिए प्रशासन स्तर से संबंधित कार्यदायी संस्थाओं को निर्देश दिये गये हैं.
मौसम को देखते हुए निश्चित समय पर ही भेजे जायेंगे यात्री
सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम के लिए जाने वाले यात्रियों को एक निश्चित समय दोपहर के 1 या 2 बजे के बाद पैदल जाने से मना किया जायेगा, ताकि रास्ते में अनावश्यक दिक्कतों का सामना न करना पड़े. साथ ही आने वाले श्रद्धालुओं से आग्रह रहेगा कि वे इस हिसाब से आयें कि पैदल चलने की दशा में समय से केदारनाथ धाम पहुंच सकें. क्योंकि रात्रि के समय कड़ाके की ठंड पड़ने व अंधेरा हो जाने से रास्ते में उनको दिक्कतों का सामना न करना पड़े. यात्री वाहनों के अतिरिक्त सप्लाई से संबंधित वाहनों को निश्चित समयावधि अपरान्ह में यात्रा की गति के अनुसार जाने दिया जायेगा.
आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए एसडीआरएफ की सात टीमें व पर्याप्त संख्या में डीडीआरएफ की टीमों को व्यवस्थित किया गया है, जिनका स्थानीय पुलिस से आपसी समन्वय स्थापित कराया गया है.
पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने बताया कि यात्रा को सफल, सुरक्षित एवं सुखद बनाये जाने के लिए जनपद पुलिस स्तर से अन्य विभागों से उचित समन्वय स्थापित किया गया है.
यात्रा काल में स्थानीय प्रशासन एवं पर्यटन विभाग के स्तर से पैदल मार्ग पर उच्च क्षमता के सीसीटीवी कैमरे भी लगाये गये हैं, जिसका कन्ट्रोल केदारनाथ, सोनप्रयाग सहित रुद्रप्रयाग पुलिस कन्ट्रोल में भी रहेगा. पुलिस अधीक्षक ने श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा कि मौसम के अनुसार गर्म कपड़े, जैकेट साथ लेकर अवश्य आयें. केदारनाथ धाम में मौसम कभी भी करवट बदल देता है. ऐसे में जरूरी है कि श्रद्धालु अपनी पूरी व्यवस्था के साथ धाम पहुंचे.
सोनप्रयाग से केदारनाथ के भूभाग को 6 सेक्टरों में किया विभाजित
सोनप्रयाग से केदारनाथ के भूभाग को 6 सेक्टरों में विभाजित किया गया है तथा प्रत्येक सेक्टर में एक सेक्टर मजिस्ट्रेट तथा एक सहायक सेक्टर मजिस्ट्रेट को तैनात किया गया है. पैदल मार्ग पर यात्रा को संचालित करने के लिए 3,265 घोड़े-खच्चरों का पंजीकरण किया गया है.
गढ़वाल मण्डल विकास निगम की ओर से गौरीकुण्ड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर जंगलचटटी में 18, भीमबली 70, लिनचोली 400, बेस कैम्प 1200 तथा केदारनाथ में 1000 तीर्थ यात्रियों के रात्रि प्रवास की व्यवस्था की गयी है. जबकि पैदल मार्ग पर दो हजार तीर्थ यात्रियों के रात्रि प्रवास के लिए निजी टैंटो की व्यवस्था की गयी है. केदारनाथ धाम में लगभग चार हजार तीर्थ यात्री निजी लॉज पर रात्रि प्रवास कर सकते हैं.
गौरीकुंड में लगभग दो हजार, सोनप्रयाग में एक हजार पांच सौ, सीतापुर में चार हजार पांच सौ तीर्थ यात्री रात्रि प्रवास कर सकते हैं तथा रामपुर, शेरसी, बड़ासू, फाटा सहित विभिन्न यात्रा पड़ावों पर तीर्थ यात्रियों के लिए मानकों के अनुरूप रात्रि प्रवास की व्यवस्था की गयी है.
स्वास्थ्य विभाग ने भी यात्रा मार्ग पर तीर्थ यात्रियों को बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए विभिन्न स्थानों पर शिविर लगाकर चिकित्सकों को तैनात किया गया है. केदारनाथ धाम में तीर्थ यात्रियों को अलावा की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए लगभग 120 क्विटल लकड़ी पहुंचाई गयी है. बद्रीनाथ केदारनाथ मन्दिर समिति की ओर से भी केदारनाथ धाम में सभी व्यवस्थाएं चाक-चैबंद कर दी गयी हैं.
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