Uttarakhand News: उत्तराखंड में अगले महीने चार धाम यात्रा शुरू होने जा रही है. चारधाम यात्रा बिना रुकावट के सुचारू कराना शासन और प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती साबित हो सकता है, क्योंकि चारधाम यात्रा मार्ग पर पीडब्ल्यूडी ने तकरीबन 65 ऐसे बड़े लैंडस्लाइड जोन चिन्हित किए हैं जो यात्रा में बाधा बन सकते हैं. हालांकि विभाग द्वारा इन सभी लैंडस्लाइड जोन का ट्रीटमेंट किया जा रहा है. लेकिन यात्रा शुरू होने से पहले सभी लैंडस्लाइड जोन का ट्रीटमेंट पूरा हो पाना मुश्किल है.
सौ करोड़ हुआ खर्च
हालांकि अधिकांश लैंडलाइन जोन पर ट्रीटमेंट का काम जारी है. जिसके लिए तकरीबन सौ करोड़ रुपए का बजट खर्च किया जा रहा है, लेकिन यात्रा सीजन शुरू होने से पहले इन सभी डेंजर पॉइंट का ट्रीटमेंट पूरा नहीं हो सकेगा. हालांकि पीडब्ल्यूडी विभाग का यह दावा है कि यात्रा के लिए विभाग द्वारा सभी तैयारी कर ली गई हैं, जो अति संवेदनशील पॉइंट हैं वहां पर जरूरी उपकरण और कर्मचारी मौजूद रहेंगे. पीडब्ल्यूडी के प्रमुख अभियंता इंजीनियर प्रमोद कुमार ने बताया कि चार धाम यात्रा के लिए सभी तैयारी कर ली गई है. अब तक तकरीबन 95 फीसदी काम पूरा कर लिया गया. लेकिन 65 ऐसे डेंजरस पॉइंट चिन्हित किए गए हैं. उनके ठीक करने के तैयारी की जा रही है ताकि यात्रा के दौरान किसी तरह की दिक्कत ना हो.
कौन से हैं डेंजर जोन?
इन 65 लैंडस्लाइड जोन में कुछ बड़े जोन भी हैं. इनमें बांसवाड़ा, बदासू और डोलिया देवी के पास डेंजर जोन है. इसके अलावा रुद्रप्रयाग के पास नरकोटा सिरोबगड़ डेंजर जोन है. गौरीकुंड को जोड़ने वाली पांच किलोमीटर की सलामी बेहद छोटी है. वहीं देवप्रयाग तहसील के पास महादेव चट्टी, तोतो घाटी और तीन धाना लैंडस्लाइड जोन है. जबकि काकडागाड़, सेमी बैंड, देविधार, मुनकटिया, धरासू बैंड के अलावा नगुड़ के पास टिहरी में अटालीगंगा होटल के समीप लैंडस्लाइड जोन है.
ये भी पढ़ें-
Azam Khan News: आजम खान से जेल में मिलने गए सपा विधायक का बड़ा दावा, जेल प्रशासन को लेकर कही ये बात