Char Dham Yatra 2022: गंगोत्री धाम में शुक्रवार को दर्शन के दौरान हृदयगति रुकने से मुंबई के यात्री की मौत हो गई.  इसके साथ ही गंगोत्री में अब तक दो और यमुनोत्री में पांच लोग हृदयगति रुकने से दम तोड़ चुके हैं. अचानक यात्री के सीने में तेज दर्द की शिकायत हुई. 


उत्तरकाशी के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि मुंबई निवासी दीपक (62) स्वजन के साथ चारधाम यात्रा पर आए थे.  शुक्रवार सुबह गंगोत्री धाम में दर्शनों के दौरान अचानक सीने में तेज दर्द की शिकायत हुई. स्वजन और पुलिस की टीम ने जब तक दीपक को अस्पताल पहुंचाया, तब तक वह दम तोड़ चुके थे. मालूम हो कि गंगोत्री-यमुनोत्री में अब तक हृदयगति रुकने से सात यात्रियों की मौत हो चुकी है. 


कार्डिक एंबुलेंस में मरीज को दिया जा सकता है प्राथमिक उपचार


हार्ट अटैक आने पर कार्डिक एंबुलेंस में मौजूद उपकरणों की सहायता से मरीज को प्राथमिक उपचार दिया जा सकता है.  जनपद के स्वास्थ्य विभाग ने अगस्त 2020 में निदेशालय को पत्र भेज कार्डिक एंबुलेंस वापस उत्तरकाशी भेजे जाने का अनुरोध किया था, लेकिन निदेशालय ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. 


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पिछले दो वर्षों से उत्तरकाशी की कार्डिक एंबुलेंस दून मेडिकल कालेज में सेवाएं दे रही है. जनपद में तीर्थयात्री हार्ट अटैक से जान गंवा रहे हैं.  स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यदि कार्डिक एंबुलेंस वापस मिल जाती है, तो इसे यमुनोत्री यात्रा मार्ग पर तैनात किया जाएगा. 


कार्डिक एंबुलेंस उपलब्ध होने से मौत के मामलों में हो सकती है कमी


साल 2019 में उत्तरकाशी को कार्डिक एंबुलेंस उपलब्ध कराई गई थी.  उक्त एंबुलेंस कुछ समय तक सीएचसी चिन्यालीसौड़ में तैनात रही, लेकिन जनपद में तकनीकी स्टाफ न होने के कारण इसका प्रयोग नहीं हो पाया. चारधाम यात्रा के मात्र तीन दिनों के भीतर यमुुनोत्री मार्ग पर पांच तीर्थ यात्रियों की हृदयगति रुकने से मौत हो चुकी है.  यदि जनपद में कार्डिक एंबुलेंस उपलब्ध, हो जाए तो हार्ट अटैक से मौत के मामलों में कुछ कमी आ सकती है. 


उत्तर काशी के डीएम अभिषेक रुहेला के मुताबिक उत्तरकाशी के लिए आवंटित कार्डिक एंबुलेंस को वापस मंगाए जाने के लिए शासन को पत्र भेजा गया है.  उम्मीद है कि उक्त एंबुलेंस जनपद को मिल जाएगी. डा. केएस चौहान के मुताबिक मार्च 2020 को कार्डिक एंबुलेंस महानिदेशालय के निर्देशानुसार महानिदेशालय भेज दी गई थी.  विभाग ने अगस्त 2020 को निदेशालय को पत्र भेज एंबुलेंस वापस उपलब्ध कराए जाने की मांग की थी.  लेकिन अभी तक उपलब्ध नहीं हो पाई है. 


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