Pushkar Singh Dhami News: उत्तराखंड में चार धाम यात्रा के पहले नौ दिन में 28 यात्रियों की मौत ने सरकारी व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा दिये हैं. मौत के कारण अलग-अलग हो सकते हैं लेकिन यहां पर सवाल हेल्थ सर्विसेज का है जो यात्रियों को समय और संबंधित स्थान पर उपलब्ध नहीं हो सकी. केदारनाथ के कपाट खुलने की पूर्व संध्या और कपाट खुलने के दिन देर शाम को भी धाम में घुप अंधेरा था.


यमुनोत्री धाम में यात्रियों से बदसलूकी का वीडियो भी वायरल हो रहा था. वीवीआईपी मूवमेंट के चलते हो रही असुविधाओं के कारण यात्रियों द्वारा उत्तराखंड पुलिस के खिलाफ के नारे लग रहे थे.


मुख्य सचिव सुखबीर सिंह संधु ने इन मामलों का संज्ञान लिया तो बिजली विभाग का अधिशासी अभियंता और एक पुलिसकर्मी को निलंबित कर दिया गया. पहली बार सरकार को मंत्रियों के बीच धामों का बंटवारा करना पड़ा. मुख्यमंत्री ने केदारनाथ धाम की जिम्मेदारी मंत्री सुबोध उनियाल और बद्रीनाथ धाम की जिम्मेदारी मंत्री धनसिंह रावत को दी, इन जिम्मेदारियों से भी नोडल मंत्री सतपाल महाराज को विरत रखा गया.


चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले चारों धाम में यात्रियों की संख्या निर्धारित कर दी गयी. यह फैसला महत्वपूर्ण था लेकिन दो दिन बाद जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चार धाम की व्यवस्थाओं का जायजा लेने गए तो पंडों ने इस निर्णय का विरोध किया. इस पर सीएम धामी ने कहा कि इस पर पुनर्विचार कर लेंगे.


कोविड रिपोर्ट को लेकर बन गई भ्रम की स्थिति


इसी दौरान कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि यात्रियों के लिए कोविड रिपोर्ट अनिवार्य कर दी गयी है. वहीं स्वास्थ्य मंत्री धनसिंह रावत ने कहा कि रिपोर्ट लाने के लिए यात्रियों को प्रेरित करेंगे. यात्रा के नोडल मंत्री पर्यटन मंत्री होते हैं, यह जिम्मेदारी सतपाल महाराज के पास है. पर्यटन मंत्री ने कहा कि सैनिटाइज़र और मास्क लेकर यात्री आ सकते हैं. इस मुद्दे पर देश भर से आने वाले यात्रियों के बीच भ्रम की स्थिति पैदा हो गयी है. कोई कह रहा था यात्रियों को पंजीकरण कराना होगा, कोई कह रहा था जरूरी नहीं है. इसी तरह से अव्यवस्थाएं परवान चढ़ती गईं और यात्रा शुरू होने के साथ ही फजीहत भी शुरू हो गयी.


रजिस्ट्रेशन को लेकर असमंजस की स्थिति


चार धाम की यात्रा पर आने वाले यात्रियों के लिए रजिस्ट्रेशन को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रही, जब श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा और व्यवस्थाएं कम पड़ गयी तब दो दिन पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बैठक बुलाकर इस व्यवस्था को अनिवार्य किया लेकिन तब तक देर हो चुकी थी.


पर्यटन मंत्री रहे विदेश यात्रा पर


चारधाम यात्रा के नोडल मंत्री पर्यटन मंत्री होते हैं. यात्रा शुरू होते ही सतपाल महाराज विदेश यात्रा के लिए कूच कर गए. यहां व्यवस्था चरमराने लगी. वहां दुबई में मंत्री साहसिक खेलों को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रम में व्यस्त रहे, इसी वजह से भी सरकार की किरकिरी हुई.


यात्रियों की मौत पर पीएमओ ने भी मांगी रिपोर्ट


चारधाम यात्रा के शुरुआती पहले हफ्ते में ही 28 तीर्थ यात्रियों की मौत, स्वास्थ्य विभाग के लिए बड़ी चुनौती बन गयी है. इनमें से ज्यादातर मौतें हार्ट अटैक की वजह से हुई हैं. तीर्थयात्रियों की मौत मामले में पीएमओ कार्यालय ने भी राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है. अभी तक गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में सबसे ज़्यादा मौतें हुई हैं. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि है चारधाम यात्रा में तीर्थयात्री, स्वास्थ्य परीक्षण करा कर ही आएं साथ ही हृदय रोग वाले तीर्थयात्री पूरी सावधानी के साथ यात्रा करें.


स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाइजरी


जो लोग हाई एल्टीट्यूट में नहीं जा सकते हैं उनके लिए जिला प्रशासन की ओर से स्क्रीनिंग की व्यवस्था भी की गई है, जिन लोगों को ऑक्सीजन की दिक्कतें हैं उनके लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था भी की जाएगी. धन सिंह रावत ने कहा कि जो लोग ज्यादा बीमार हैं और अधिक ऊंचाई पर जाने में दिक्कत है उन्हें अभी यात्रा करने से बचना चाहिए.


जानें कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने क्या कहा?


बद्रीनाथ धाम की व्यवस्थाओं  को जांचने के लिए वे कल बद्रीनाथ धाम जाएंगे, इस बार यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या काफी ज्यादा हो रही है इसलिए दिक्क़ते हैं, कैबिनेट मंत्री ने कहा कि लेकिन सरकार उत्तराखंड आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सभी व्यवस्थाएं बना रहा है.


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