Uttarakhand Char Dham Yatra 2022: उत्तराखंड में सक्रिय हुए मानसून से चारधाम यात्रा की रफ्तार घट गई है. पिछले एक हफ्ते से हो रही बारिश के चलते चारों धाम में तीर्थयात्रियों की संख्या में कमी आई है. केदारनाथ धाम, बद्रीनाथ धाम, मां गंगोत्री और मां यमुनोत्री के दर पर पहुंच रहे श्रद्धालुओं को मानसून परेशान कर रहा है. इस बार तीन मई से उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की शुरुआत हुई. अभी तक रिकॉर्ड श्रद्धालुओं ने चारों धाम में दर्शन किये हैं.
नीचे देखिये श्रद्धालुओं की संख्या
कपाट खुलने की तिथि से 30 जुलाई तक दर्शनार्थियों की संख्या
बाबा केदार के दर पर पहुंचे नौ लाख अठावन हजार 438 श्रद्धालु
बद्रीनाथ धाम में पहुंचे दस लाख बाईस हजार 789 श्रद्धालु
श्री गंगोत्री धाम में पहुंचे चार लाख उनसठ हजार 934 श्रद्धालु
श्री यमुनोत्री धाम में पहुंचे तीन लाख चव्वन हजार 428 श्रद्धालु
यात्रा की शुरुआत होते ही लाखों की संख्या में रिकॉर्ड श्रद्धालु चारों धाम में आये, बारिश की वजह से चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम हो गई है. सिर्फ बारिश ही नहीं बल्कि लैंडस्लाइड से चारधाम सड़क मार्ग अवरुद्ध और बरसात में यात्रा के जोखिम को देखते हुए यात्रियों ने यहां आना कम कर दिया. पिछले एक हफ्ते के आंकड़ों को देखें तो यात्रियों की संख्या लगातार घटी है, जो शुरुआती आंकड़ों से कम है.
बारिश से घटी चार धाम में श्रद्धालुओं की संख्या
24 जुलाई को केदारनाथ 3823, बद्रीनाथ 3150, गंगोत्री 958, यमुनोत्री 956 श्रद्धालु पहुंचे
25 जुलाई को केदारनाथ 4638, बद्रीनाथ 3226, गंगोत्री 845, यमुनोत्री 577 श्रद्धालु पहुंचे
26 जुलाई को केदारनाथ 2192, बद्रीनाथ 1763, गंगोत्री 425, यमुनोत्री 305 श्रद्धालु पहुंचे
27 जुलाई को केदारनाथ 2865, बद्रीनाथ 1976, गंगोत्री 644, यमुनोत्री 365 श्रद्धालु पहुंचे
28 जुलाई को केदारनाथ 2110, बद्रीनाथ 975, गंगोत्री 338, यमुनोत्री 377 श्रद्धालु पहुंचे
29 जुलाई को केदारनाथ 1256, बद्रीनाथ 1684, गंगोत्री 275, यमुनोत्री 422 श्रद्धालु पहुंचे
30 जुलाई को केदारनाथ 842, बद्रीनाथ 728, गंगोत्री 612, यमुनोत्री 413 श्रद्धालु पहुंचे
अभी भी राज्य में बारिश से फिलहाल निजात मिलती दिखाई नहीं दे रही है. लगातार मौसम विभाग के अलर्ट से मुश्किलें अभी कम होती नहीं दिख रही है. चारों धाम यात्रा मार्ग बार-बार बाधित होने से यात्रियों को घंटों लम्बे जाम से भी जूझना पड़ रहा है. हालांकि चारधाम यात्रा मार्ग सुचारू करने के लिए भूस्खलन वाले स्थानों पर प्रशासन की ओर से जेसीबी तैनात है. जो लगातार सड़कों को खोलने का काम कर रही है. फिलहाल अगस्त महीने में मानसून अपने चरम पर बरसेगा और ये दिक्कतें बनी रहेंगी. उम्मीद है कि 15 सितम्बर के बाद बारिश से कुछ राहत मिलेगी और चारों धाम में जाने वाले यात्रियों की मुश्किलें कम होंगी. ताकि एक बार फिर से पहले जैसी यात्रियों की संख्या चारधाम में देखने को मिले.