Char Dham Yatra 2024: उत्तराखंड में चार धाम यात्रा के लिए नए मार्गों का विकल्प राज्य सरकार खोज रही है. इसी क्रम में उत्तराखंड में चार धाम यात्रा के लिए रामनगर को प्रतिकूल माना जा रहा है. इसको लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आदेश जारी कर रामनगर को विकल्प के रूप में तैयार करने की बात कही थी, जिसको लेकर रिपोर्ट तैयार की जा रही थी. अब रिपोर्ट बनाकर तैयार हो चुकी है अगला निर्णय शासन को लेना है कि चार धाम यात्रा उत्तराखंड के रामनगर से शुरू की जा सकती है या नहीं.
ऋषिकेश हरिद्वार से चलने वाली चार धाम यात्रा में पिछले दिनों देखा गया था कि भारी भीड़ आ जाने से रास्ते जाम हो गए थे, जिससे काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था. अब चार धाम यात्रा को जाने के लिए दो अलग-अलग मार्ग जब तैयार हो जाएंगे तो भीड़ पर नियंत्रण पाना काफी आसान होगा और यात्रा भी कम हो सकेगी. इसको लेकर उत्तराखंड सरकार लगातार प्रयास कर रही है.
रामनगर से चारधाम यात्रा शुरू करने की संभावना
रामनगर से चार धाम यात्रा को चलाने के लिए प्रारंभिक सर्वे परिवहन विभाग ने लगभग पूरा कर लिया है. रिपोर्ट तैयार करने के बाद अब ये शासन को भेजी जानी है. बता दें कि कुमाऊं के नैनीताल जिले के रामनगर से चारधाम यात्रा शुरू करने की संभावना तलाशी जा रही है. इसके लिए नैनीताल जिला प्रशासन और परिवहन विभाग ने प्रारंभिक सर्वे का काम करने के साथ ही रिपोर्ट तैयार कर ली है.
उत्तराखंड में चल रही चारधाम यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं ऐसे में यात्रा में भीड़ के दबाव को कम करने के लिए अन्य विकल्पों को भी देखा जा रहा है. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने रामनगर से चारधाम यात्रा की संभावना को तलाशने के निर्देश कुछ महीने पहले जिला प्रशासन को दिए थे. इसके बाद नैनीताल डीएम के निर्देश पर प्रशासन और परिवहन विभाग की टीम ने रामनगर से कर्णप्रयाग तक का सर्वे कर रिपोर्ट तैयार कर ली है. इस रिपोर्ट में साफ है की यात्रा यहां से कराई जा सकती है पूर्व में भी चार धाम को यात्रा यहां से हुई है अब रिपोर्ट शासन को भेजी जा रही है अंतिम निर्णय शासन को लेना है.
300 तक छोटे वाहनों को चलाया जा सकता है
रामनगर से मोहान मोलेखाल-भिकियासैण, चौखुटिया-गैरसैंण और कर्णप्रयाग होते हुए चारधाम यात्रा की जा सकती है. पहले भी लोग इस मार्ग से चार धाम यारा के लिए श्रद्धालु जाते रहें है. रिपोर्ट के मुताबिक, मार्ग सिंगल लेन है इसमें ज्यादा वाहनों का संचालन खतरनाक होगा. एक दिन में 150 तक बसें और 300 तक छोटे वाहनों को चलाया जा सकता है. यह यात्रा रामनगर की सिंचाई विभाग और डिग्री कालेज की भूमि से शुरू की जा सकता है. यहां पर वाहनों को खड़ा किया जा सकता है यहां काफी जगह मौजूद है.
रिपोर्ट के अनुसार यात्रा शुरू करने से पूर्व यहां कई प्रकार की सुविधाओं को पहले जुटना होगा, जैसे शौचालय कोई यात्री इस मार्ग में रुकना चाहता है तो उसके रुकने की व्यवस्था बनानी होगी. मार्ग पर धर्मशालाओं, होटलों और शौचालयों आदि की कमी है. मार्ग में श्रद्धालुओं के भोजन आदि की व्यवस्था के साथ वाहनों को ठीक करने के लिए गैरेज आदि की भी व्यवस्था करनी होगी. रिपोर्ट के अनुसार ऋषिकेश वाली चार धाम यात्रा पर वाहनों का दबाव कम करने के लिए रामनगर रोड का इस्तेमाल किया जा सकता है. इससे चार धाम यात्रा पर बढ़ाने वाला दबाव कम हो सकेगा.
तीन मार्गों पर चल रहा परीक्षण
डीएम नैनीताल वंदना सिंह ने बताया की सीएम के निर्देश पर रामनगर से चारधाम यात्रा और कैंची धाम आने वाले श्रद्धालुओं के लिए वैकल्पिक मार्ग पर विचार किया जा रहा है. इसके लिए आवश्यक सुविधाएं, पंजीकरण केंद्र, शौचालय, पार्किंग स्थल आदि का पर होमवर्क किया जा रहा है. सड़क मार्ग की स्थिति के सुधारीकरण पर भी प्रस्ताव तैयार हो रहा है. लगभग तीन संभावित मार्गों का परीक्षण चल रहा है. सभी पहलुओं पर विचार कर इसका अंतिम निर्णय शासन स्तर से लिया जाएगा.
बता दें कि चार धाम यात्रा के लिए रामनगर से शुरुआत करने से स्थानीय लोगों को रोजगार भी अच्छा खासा मिलेगा. साथ ही ऋषिकेश हरिद्वार से चलने वाली चार धाम यात्रा पर दबाव भी काम होगा. इससे चार धाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों को भी अच्छी खासी सुविधा होगी.
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