देहरादून, एबीपी गंगा। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा का भव्य आगाज हुआ है। सुप्रसिद्ध चारधाम यात्रा के अक्षय तृतीया के महापर्व पर  गंगोत्री धाम और यमुनोत्री धाम के कपाट आज मंगलवार को देश-विदेशों के श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। गंगोत्री धाम के कपाट 11 .15 मिनट और यमुनोत्री धाम के कपाट 1.15 मिनट खोले गए। गंगोत्री धाम में गढ़वाल कमिश्नर वी वी आर सी पुरुषोत्तम और प्रभारी मंत्री धन सिंह रावत, गंगोत्री विधायक गोपाल सिंह रावत, पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण कपाट खुलने के दौरान साक्षी बने। कमिश्नर ने खुद गंगा मां का मुख्य द्वार खोला ।


सुबह भैरव मंदिर से मां गंगा की डोली 9 बजे गंगोत्री धाम पहुंची। विधिवत तरीके से पूजा अर्चना, गंगा लहरी , सस्थ नाम पाठ किया गया , धाम में अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर 7 से 10 हजार श्रद्धालुओं ने मां गंगा के दर्शन किए। वहीं, यमुनोत्री धाम में 5 से सात हजार श्रद्धालुओं में मां यमुना के निर्माण दर्शन किए ।


प्रशासन के दावे फेल


आपको बता दें कि चारधाम यात्रा का आगाज हो चुका है, लेकिन दोनों धामों में प्रशासन ने किसी भी प्रकार की कोई उचित व्यवस्था नहीं की है। गंगोत्री धाम में मुख्य स्नान घाट का निर्माण आपदा के बाद अभी तक नहीं हो पाया है। जिस से श्रद्धालुओं को स्नान करने परेशानी उठानी पड़ रही हैं। वहीं, यमुनोत्री धाम में पिछली बार हुई अतिवर्ष्टि से हुए नुकसान की भरपाई आज तक नहीं हो पाई है ।



उत्तराखंड स्वागत के लिए तैयार : सीएम रावत


इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने तीर्थयात्रियों की स्वागत करते हुए कहा कि केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों के स्वागत के लिए उत्तराखंड तैयार है। तीर्थयात्रियों की सुख-सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाएगा।


बता दें कि केदारनाथ धाम में लगभग 3000 यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था उपलब्ध है। हर साल अप्रैल—मई में चारधाम यात्रा के शुरू होने का स्थानीय जनता को भी इंतजार रहता है। छह माह तक चलने वाली इस यात्रा के दौरान देश—विदेश से आने वाले लाखों श्रद्धालु और पर्यटक जनता के रोजगार और आजीविका का साधन हैं और इसीलिए चारधाम यात्रा को गढ़वाल हिमालय की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है। सर्दियों में भारी बर्फबारी और भीषण ठंड की चपेट में रहने के कारण चार धाम के कपाट हर साल अक्टूबर—नवंबर में श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिये जाते हैं जो अगले साल अप्रैल—मई में फिर खोल दिये जाते हैं।


बद्रीनाथ धाम में श्रद्धालुओं को नहीं होगी चंदन की कमी


वहीं, इस बार बद्रीनाथ धाम में श्रद्धालु को चंदन की कमी नहीं होगी। मंदिर समिति ने तमिलनाडु से व्यापक रूप में चंदन की लकड़ी मंगाई है। दरअसल, पिछले कई वर्षों से चंदन की कमी दिख रही थी। इसकी जानकारी मंदिर समिति के अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल ने दी है। उन्होंने बताया कि इस बार श्रद्धालुओं को शुद्ध चंदन मिलेगा। मान्यता है कि बद्रीनाथ धाम में लगाए जाने वाले चंदन से दुख दर्द दूर होते हैं।